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Tuesday, July 28, 2020

आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में सबसे पहले हो आत्मभाषा का ज्ञान : विभाग संयोजक सुरेश शर्मा


संस्कृत भारती के द्वारा ऑनलाईन संस्कृत सम्भाषण वर्गों का आयोजन, 30 को होगा समापन

शिवपुरी- संस्कृत भारती द्वारा संपूर्ण मध्यभारत प्रांत में ऑनलाईन 10 संभाषण वर्गोां का आयोजन हो रहा है। इन वर्गोां में सामाजिक लोग बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेकर छोटे-छोटे वाक्यों के माध्यम से संस्कृत भाषा के द्वारा ही बोलचाल करना सीख रहे है। ज्ञात हो श्रावण पूर्णिमा के 3 दिन पूर्व से 3 दिन पश्चात तक प्रतिवर्ष विश्व स्तर पर संस्कृत सप्ताह मनाया जाता है जिसके अंतर्गत श्रावणी पूर्णिमा को संस्कृत दिवस होता है, आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में सबसे पहले आत्मभाषा का ज्ञान सभी देशवासियों को होना चाहिए क्योंकि अपनी भाषा के बिना उन्नति कभी नहीं हो सकती है। उक्त बात कही विभाग संयोजक संस्कृत भारती शिवपुरी सुरेश शर्मा ने जिन्होंने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से संस्कृत भारती के द्वारा आयोजित ऑनलाईन संस्कृत सम्भाषण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।

 संस्कृत भारती के विभाग संयोजक सुरेश शर्मा ने बताया कि भारतीय ज्ञान-विज्ञान तथा संस्कृति की भाषा संस्कृत ही सब भाषाओं की जननी है संस्कृत में ही ज्ञान विज्ञान तथा इतिहास के रहस्य निहित है। संस्कृत के ज्ञान से ही भारतीय समाज की उन्नति संभव है और भाषा ज्ञान के लिए सबसे पहले संभाषण अर्थात् उस भाषा में वार्तालाप करने का चलन हो इसी दृष्टि से संस्कृत सप्ताह के पूर्व 21 जुलाई से 30 जुलाई तक संस्कृत भारती मध्यभारत के द्वारा संस्कृत संभाषण वर्ग के आयोजन का लक्ष्य रखा गया था 

ऑनलाईन पंजीयन में अपेक्षा से कई गुना अधिक शिक्षार्थियों ने आवेदन किया जिसके कारण एक वर्ग चलाने के स्थान पर 10 वर्गों का आयोजन करना पड़ा। अभी भी हजारों की संख्या में संस्कृत संभाषण सीखने वालों की प्रतीक्षा सूची है। इन वर्गों में शिक्षक के रूप में भोपाल से पवन द्विवेदी, विनय सिंह राजपूत, प्रतिमा पांडे ग्वालियर से पंडित प्रमेन्द्र चतुर्वेदी, कृष्ण कुमार सोनी, बृजमोहन शर्मा, धनंजय शर्मा, मुरैना से वंदना मिश्रा, दतिया से डॉ.हरेन्द्र कुमार भार्गव, कविता समाधिया, होशंगाबाद से निर्मला गढ़ेवाल, रूचि मिश्रा, हरदा से प्रफुल्ल दुबे, हेमलता अग्रवाल, रायसेन से प्रो.विश्वबंधु  गौतम, शिवपुरी से दीपेन्द्र शर्मा, श्योपुर से कैलाशचंद गुप्ता, भिंड से बृजेश शुक्ल, भोपाल से ही शिवम तिवारी आदि बहुत ही रोचक ढंग से संस्कृत संभाषण का शिक्षण करा रहे है। इनका सामूहिक समापन 30 जुलाई को सायं 7 बजे से होगा।

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