कांग्रेस पार्टी के प्रयासों से अब हो सकेगी जातिगत जनगणना, कांग्रेस ने राहुल गांधी को दिया श्रेयशिवपुरी- तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 19 मई 2011 को सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था, जिसका उद्देश्य भारत में सामाजिक, आर्थिक और जातिगत स्थिति का व्यापक आकलन करना था। यह स्वतंत्र भारत में पहली बार था जब जातिगत आधार पर व्यापक डेटा एकत्र किया गया, जातिगत जनगणना 2011 के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जातिगत जानकारी इक_ा की गई। लेकिन अफ़सोस कि वर्ष 2014 में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद, जातिगत जनगणना 2011 के जातिगत आंकड़ों को सार्वजनिक होने से रोक दिया गया। यह बात कही मप्र कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता व प्रदेश मीडिया प्रभारी अम्बिका शर्मा ने जिन्होंने मोदी सरकार के द्वारा अब जातिगत जनगणना की स्वीकारोक्ति को स्वीकार करना कांग्रेस पार्टी के सर्वमान्य नेता राहुल गांधी के प्रयासों से संभव हो सका है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी श्री अंबिका शर्मा ने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015 में घोषणा की थी कि इन आंकड़ों के विश्लेषण और उपयोग के लिए नीति आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष अरविंद पनगढयि़ा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। लेकिन, जातिगत जनगणना की विरोध बीजेपी सरकार ने न तो समिति गठित की और न ही जातिगत आंकड़े सार्वजनिक किए गए। बीजेपी का रुख जातिगत जनगणना को लेकर हमेशा नकारात्मक रहा है। जबकि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इन आंकड़ों को नीति निर्माण और सामाजिक न्याय के लिए हमेशा महत्वपूर्ण बताया।
जातीय जनगणना का फैसला राहुल गाँधी के संघर्ष की महान जीत : प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका शर्मा
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेठी की प्रवक्ता श्रीमती प्रियंका शर्मा एडवोकेट ने कहा कि केंद्र सरकार का जाति जनगणना का फैसला राहुल गाँधी के संघर्ष की महान जीत है, श्रीमती शर्मा ने कहा कि जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस पार्टी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी का स्पष्ट मत रहा की जाति जनगणना सामाजिक आर्थिक न्याय की दृष्टि से बेहद जरुरी है और उसको लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व मे कांग्रेस पार्टी ने देशव्यापी अभियान चलाया और सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया, अनन्तोगत्वा केंद्र सरकार को राहुल गाँधी के संघर्ष के सामने झुकना पड़ा और जाति जनगणना का फैसला हुआ। विशेष उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने दस साल तक जातिगत जनगणना के आंकड़े दवाएं गए, ओबीसी, दलित और आदिवासियों के हको को कुचला गया, लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त संघर्ष किया और बीजेपी को वेनकाब किया, जिसका परिणाम है कि अब जाति जन गणना के फैसले से देश मे सामाजिक न्याय और सामाजिक समरसता का वातावरण निर्मित होगा और देश के दलित पिछड़े एवं आदिवासी भाई समाज और विकास की मुख्य धारा से जुड़ेगे, जाति जनगणना के फैसले से दलित पिछड़े और आदिवासी समाज मे खुशियों का माहौल है, सर्व समाज राहुल गाँधी का आभार व्यक्त कर रहे है, सभी समाजो का राहुल गांधी को आशीर्वाद, समर्थन और प्रेम मिल रहा है, राहुल गाँधी को देश आशा भारी निगाहों से देख रहा है, जाति जनगणना का फैसला विकसित भारत की और बढ़ता हुआ कदम है और राहुल गाँधी के ऐतिहासिक संघर्ष की महान जीत है।
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