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𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Wednesday, September 2, 2020

सेवानिवृत्ति पर वन कर्मचारियो को दी भावभीनी विदाई


शिवपुरी
-वन पाल जुगल साहू ए वन रक्षक सुरेश भार्गव एवं दंगल सिंह मौर्य के सेवानिवृत्त होने पर रविवार को ईको सेंटर में विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्टाफ की ओर से कर्मचारियो को भावभीनी विदाई दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पुरषोत्तम शर्मा ने कहा कि वन कर्मचारियो ने जिस तरह से अपने सरल स्वभाव के साथ-साथ जनता के कार्यों व राजकीय कार्यों का संपादन किया वह काबिले तारीफ है। 


उन्होंने सभी कर्मचारियों से निस्वार्थ भावना व सहभागीदारी के साथ राजकीय कार्यों का संपादन करने का आह्वान किया। समारोह की अध्यक्षता वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पुरषोत्तम शर्मा ने की। इस अवसर वन क्षेत्राधिकारी भुनेवार योगी डिप्टी रेंजर, आशीष समाधिया डिप्टी रेंजर, भूपेंद्र सिंह वर्मा डिप्टी रेंजर, घनश्याम शर्मा, वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पुरषोत्तम शर्मा एवं कर्मचारी संघ तृतीया वर्ग के जिलाध्यक्ष कपिल दुबे एवं जिला सचिव मनोज गुप्ता एवं राज्य अध्यापक संघ के उपाध्यक्ष बृजेन्द्र भार्गव, सत्तार खान, वाहन चालक सौरभ सिंह राजपूत, गिर्राज सिंह राजपूत, रामअवतार शर्मा, कमलजीत कुशवाह, सुनील सेन, अनिल शर्मा, अशोक सिंह, वनपाल राम सनेही शर्मा, वीर सिंह, राजेश शर्मा, बनवारी लाल रजक और अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।  

समग्र प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर 6 सितम्बर को राष्ट्रीय स्तर का बेवीनार हर्बो कान

शिवपुरी-Óहमारे भारत देश में  प्राचीन काल  से ही प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति (होलिस्टिक हैल्थ थैरेपी) से ऋषिमुनि और वैद्य इलाज करते आयें है लेकिन धीरे-धीरे प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को लिपिबद्ध ना होने और उस ज्ञान को आने वाली पीडी़ को ना सौंपने के कारण वो पद्धति विलुप्त होने लगी जबकि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से ऐसे रोग जिनका इलाज ऐलौपैथी से भी नहीं हो सकता है ऐसे असाध्य रोग भी समग्र प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति जो से ठीक होते रहें जिनका इलाज असंभव था और ऐसा हमारे  भारत भूमि के प्राचीन ऋषि मुनियों ने किया भी था।

विलुप्त होती समग्र  प्राकृतिक  चिकित्सा पद्धति और इस पद्धति में काम आने वाली जडी़ बुटियों को देश-विदेश में काम करने वाले समग्र प्राकृतिक चिकित्सक जिन्हें (होलिस्टिक हैल्थ थैरेपिस्ट) कहा जाता है तक जडी़ बुटियों की महत्ता पहुँचाने का काम वर्षों से कर रहीं, मोनार्क हैल्थ आर्गनाईजेशन की डायरेक्टर डा पूजा कसेरा और भारत  नैचुरल हौलिस्टिक हैल्थ के निर्देशक डा. भारत भूषण शर्मा ने अभी तक विभिन्न रोगों के उपचार के लिए 1268 बेवीनार आयोजित कर एशिया बुक रिकार्ड में अपनी टीम का नाम दर्ज कराकर भारत की प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का नाम रोशन किया है। मध्यप्रदेश की रहने वाली वर्तमान में जयपुर में रह रहीं डा पूजा कसेरा ने बताया कि इसी कडी़ को आगे बढा़ते हुये म.प्र.के शिवपुरी जिले में मिलने वाली जडी़ बूटी हर्र, आंवला, बहेड़ा, चिरौंजी सभी प्रकार की गोंद, करेली, भुई आंवला, ब्राह्मी, गिलोय, गुडमार, गुग्गल, शतावरी, नीमबीज, करंजबीज, पलास के फूल, धवई फूल, मकोय, कलिहारी, मुनगा, सितवाय जिनसे अनेक असाध्य रोगों का इलाज हो सकता है जो कि प्राकृतिक चिकित्सा में काफी महत्वपूर्ण योगदान है 

लेकिन शिवपुरी जिले में मिलने वाली इन जडी़-बुटियों का प्रचार प्रसार नहीं हो पाया है इसलिए डा पूजा कसेरा ने 6 सितम्बर को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक हर्बो कान शिवपुरी बेवीनार का आयोजन किया है। जिसमें देश-विदेश के समग्र प्राकृतिक चिकित्सक बेवीनार के जरिए आनलाईन रहकर शिवपुरी और शिवपुरी की जडी़ बुटियों के बारे में जानकर समग्र प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगें। इस बेवीनार का शुभारम्भ डा पूजा कसेरा के  द्वारा शिवपुरी और शिवपुरी जिले में पाई जाने वाली जडी़ बुटियों के विषय में देश विदेश से आनलाईन बेवीनार में जुटे होलिस्टिक हैल्थ थैरेपिस्ट को जानकारी देकर होगा।

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