---------------------------------News Website By 𝐑𝐚𝐣𝐮 𝐘𝐚𝐝𝐚𝐯--------------------------------

𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Wednesday, October 7, 2020

संगठनो को राष्ट्र हित सर्वोपरि होना चाहिए : जिला शिक्षा अधिकारी दीपक पाण्डेय


राज्य कर्मचारी संघ ने मनाया 43 वा स्थापना दिवस

शिवपुरी। संगठनों को राष्ट्र हित की भावना के साथ समाज सेवी भाव में सर्वोपरि होना चाहिए। इसके स्थापना दिवस पर मेरी ओर से सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं। उक्त बात जिला शिक्षा अधिकारी दीपक पांडेय ने मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के 43 वे स्थापना दिवस के मौके पर सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से कही । कार्यक्रम के मुख्यवक्ता कुलदीप गुर्जर थे। जबकि अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के  विभाग प्रमुख रमेश चन्द्र शिवहरेए विशिष्ट अतिथि राजेश भार्गवए भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष  हरीश चौबे व राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष दिलीप शर्मा मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन सचिव अजमेर सिंह यादव ने किया । जबकि आभार व्यक्त हरभजन कौर ने किया।

कार्यक्रम का प्रारंभ आमन्त्रित अतिथियों ने भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात अतिथि परिचय व संगठन का गीत दिलीप शर्मा ने प्रस्तुत किया। मुख्यवक्ता कुलदीप गुर्जर ने बताया कि प्रारंभ में जितने संगठन थे वे देशहित में कार्य नही करते थे। मध्यप्रदेश प्रदेश राज्य कर्मचारी संगठन ऐसा संगठन है जो राष्ट्रवादी है। प्राय: देखा गया है कोरोना काल में मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने पीडि़तों की सेवा की है। रमेश चंद शिवहरे ने कहा कि दन्तोपन्त ठेगड़ी ने भोपाल में इस संगठन की स्थापना की तब से यह सगठन राष्ट्रीयता की भावना से कार्य कर रहा है। 

अध्यक्ष दिलीप शर्मा ने कोरोना काल में गरीब, आदिवासी पीडि़त परिवारो को आपदा के समय किस प्रकार सहायता की इसकी जानकारी दी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रचार सचिव मुकेश आचार्य, गोपाल जेमिनी, योगेश मिश्रा, देवेंद्र शर्मा, विजय पाठक, राकेश मिश्रा, देवेश पांडे, अनुज गुप्ता, हरभजन कौर, चतुर्भुज राठौर, गजेन्द्र यादव, श्याम बिहारी सरल, अशोक गौड़, बनवारी लाल धाकरे, नवल किशोर, अचल जौहरी, हरिशरण शर्मा, महेश शर्मा, करण सिंह शाक्य, हरपाल, वीरेंद्र बाथम, आरपीएस राजपूत, भजन कुशवाह, प्रेम नारायण नामदेव, मोहन आदिवासी, दर्शन शिवहरे सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित थे।

No comments: