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Sunday, January 2, 2022

ग्राम भरतपुर नोहरा में नही बना तालाब निकाले लाखो

सजेन्द्र शर्मा खनियाधाना/ मामला ग्राम पंचायत नोहरा का है जहां सरपंच सचिव ने मिलकर करोड़ों रुपए का खुर्दबुर्द किया है सामुदायिक खेत तालाब निर्माण कार्य मजरा भरतपुर के नाम से निकालें 561914 रुपए वर्ष 2020 /21 मैं मजदूरी के नाम से 270972 और 27792 एवं 263150 रुपए का मनरेगा से भुगतान हुआ है  जबकि आज दिनांक तक भरतपुर तालाब में एक रुपए का निर्माण कार्य नहीं किया गया ग्रामीण जनों की माने तो भरतपुर में जो तालाब बना है वह करीब 20 से 30 साल पुराना है इसी तालाब के नाम से ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव लाखों रुपए निकालते नजर आ रहे हैं जबकि मनरेगा में सामुदायिक खेत तालाब निर्माण मजरा भरतपुर के नाम से लाखों रुपए निकाले गए हैं इसी क्रम में ग्रेवल रोड बामोर खुर्द रोड की सीमा से मजरा देव खेड़ा सतैया के नाम से वर्ष 2017-18 मैं 37840 एवं वर्ष 2018/19 मैं 163174 एवं वर्ष 2019-20 मैं 241870 एवं वर्ष 2020/ 21 मैं202368 रुपए की मजदूरी एवं बिल लगाए हैं कुल मिलाकर 645252 मनरेगा से भुगतान हुआ जबकि मौके पर सड़क देखने को नहीं मिलेगी अब प्रश्न उठता है कि सब इंजीनियर इसका मूल्यांकन कैसे कर दिया यह एक जांच का विषय है

सार्वजनिक वृक्षारोपण कार्य सिद्ध बाबा मंदिर राजनगर 

वृक्षारोपण के नाम पर वैसे तो ग्राम पंचायत हैं हर जगह ठगी करती नजर आती हैं लेकिन ग्राम पंचायत नोहरा का मामला हटके है यहां वर्षो से वृक्षारोपण के नाम पर मनरेगा से पैसे निकाले जा रहे हैं जबकि उस स्थान पर एक भी पेड़ नहीं लगा ऐसा ही मामला सिद्ध बाबा मंदिर राजनगर का है जहां करीब 20 वर्षों से कोई पेड़ नहीं लगा जितने भी पेड़ लगे हैं वह पूर्व के ही हैं वर्तमान में एक भी पेड़ नहीं लगाया गया वर्ष 2018/19 मैं ₹48024 एवं वर्ष 2019-20 में ₹78000 एवं वर्ष 2020-21 में 139080 रुपए कुल मिलाकर 265104 रुपए के मस्टर लगाए हैं और रुपए निकाले गए हैं जबकि मंदिर प्रांगण में इन 3 वर्षों में एक भी पौधरोपण नहीं किया मंदिर प्रांगण में पूर्व के ही पेड़ लगे हुए हैं

सिद्ध बाबा मंदिर पर जल कूप निर्माण कार्य 

जल कूप निर्माण कार्य के नाम पर ग्राम पंचायत नोहरा के द्वारा ₹443280 का भुगतान हुआ जबकि मंदिर प्रांगण में रहने वाले बाबा जी का कहना है कि कुआं मंदिर में पूर्व से ही बना हुआ था पंचायत के द्वारा केवल जीर्णोद्धार  किया गया यह भी जांच का विषय है

चेक डैम निर्माण एवं बोल्डर बाल मैं भी हुआ भ्रष्टाचार 

चेक डैम निर्माण कार्य  लाखों की लागत से सरकार बनवाती है जबकि ग्राम पंचायत नोहरा में इस योजना को पलीता लगाते नजर आए सरपंच सचिव जितने भी चेक डैम एवं बोल्डर बाल का निर्माण ग्राम पंचायत में हुआ उनका अगर निरीक्षण किया जाए तो वर्तमान में कुछ चेकडेम अपनी जगह पर नजर ही नहीं आएंगे यह एक बहुत बड़े जांच का विषय है कैसे हैं ग्राम पंचायत के सभी सब इंजीनियर इसका मूल्यांकन कर ग्राम पंचायतों को फायदा पहुंचाने में लगे हुए हैं जबकि यथास्थिति में किसी किसी निर्माण कार्य में तो सरपंच सचिव के द्वारा हाथ भी नहीं लगाया गया और लाखों की राशि का हेर फेर किया गया यह एक जांच का विषय है उच्च अधिकारियों को मामला संज्ञान में लेकर ग्राम पंचायत नोहरा में हुए कार्यों का  मूल्यांकन कराना चाहिए जिससे शासकीय धन सदुपयोग किया जा सके

चेक डैम निर्माण एवं बोल्डर बाल मैं भी हुआ भ्रष्टाचार 

चेक डैम निर्माण कार्य  लाखों की लागत से सरकार बनवाती है जबकि ग्राम पंचायत नोहरा में इस योजना को पलीता लगाते नजर आए सरपंच सचिव जितने भी चेक डैम एवं बोल्डर बाल का निर्माण ग्राम पंचायत में हुआ उनका अगर निरीक्षण किया जाए तो वर्तमान में कुछ चेकडेम अपनी जगह पर नजर ही नहीं आएंगे यह एक बहुत बड़े जांच का विषय है कैसे हैं ग्राम पंचायत के सभी सब इंजीनियर इसका मूल्यांकन कर ग्राम पंचायतों को फायदा पहुंचाने में लगे हुए हैं जबकि यथास्थिति में किसी किसी निर्माण कार्य में तो सरपंच सचिव के द्वारा हाथ भी नहीं लगाया गया और लाखों की राशि का हेर फेर किया गया यह एक जांच का विषय है उच्च अधिकारियों को मामला संज्ञान में लेकर ग्राम पंचायत नोहरा में हुए कार्यों का  मूल्यांकन कराना चाहिए जिससे शासकीय धन सदुपयोग किया जा सके

 उपयंत्री के मूल्यांकन की भी हो जांच करोड़ों के आसामी बन चुके उपयंत्री ऐसे उपयंत्री यों को E O W  को लेना चाहिए संज्ञान में 

उपयंत्री राजेंद्र गुप्ता की मनमानी के चलते हैं हो रहा है ग्राम पंचायतों मैं करोड़ों का भ्रष्टाचार जब उपयंत्री राजेंद्र गुप्ता से बात की तो दबंगई अंदाज में जवाब मिलता है हां सब ठीक है ऐसे ही बेखौफ होकर ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं उपयंत्री ग्राम पंचायत नोहरा में जितने भी मनरेगा से कार्य किए गए हैं अगर उनका मूल्यांकन किया जाए तो स्वीकृत हुई राशि के 20 परसेंट का भी उपयोग धरातल पर नहीं दिखता है जबकि कहीं-कहीं तो निर्माण कार्य बिल्कुल भी नहीं किया गया फिर भी सब इंजीनियर के द्वारा कार्य का मूल्यांकन किया जा रहा है यह एक बहुत बड़े जांच का विषय है उच्च अधिकारियों को ग्राम  पंचायत नोहरा में किए गए निर्माण कार्यों की जांच कराना चाहिए कैसे सब इंजीनियर एवं सरपंच सचिव मिलकर सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं

इनका कहनाहै

मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया ग्राम पंचायत के कार्यों की जांच के बाद अगर ऐसी स्थिति पाई जाती है तो राशि वापस कराई जाएगी

रामप्रसाद गोरसिया 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद खनियाधाना


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