Responsive Ads Here

Shishukunj

Shishukunj

Tuesday, August 30, 2022

सागर/नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने के आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास


सागर
। माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री आशीष कुमार शुक्ला, तहसील-खुरई जिला सागर के न्यायालय ने नाबालिग अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर ले जाने के अभियुक्त सुरेन्द्र बालमीकि पिता हुकुमचंद बालमीकि उम्र 20 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत बीना जिला सागर को भादवि की धारा 363 के आरोप में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000 रूपये अर्थदण्ड तथा भादवि की धारा 506/2 के आरोप में 6 माह के सश्रम कारावास व 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किये जाने का दंडादेश पारित किया। राज्य शासन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी वृंदा चौहान द्वारा की गई।

घटना इस प्रकार है कि दिनांक-05.11.2020 को अभियोक्त्री की मां ने अभियोक्त्री के पिता को फोन पर बताया कि अभियोक्त्री घर पर नहीं है वह कहीं चली गई है। उन्होंने आसपास की रिश्तेदारी में तलाश किया नहीं मिली। अभियोक्त्री के पिता ने थाना खिमलासा में गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसे शक है कि अभियुक्त, अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर कहीं ले गया है। गुम इंसान सूचना के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक-06.11.2020 को अभियोक्त्री को थाना सिटी कोतवाली विदिशा से बरामद किया गया। अभियोक्त्री के धारा 164 दं.प्र.सं. के अंतर्गत कथन कराये गये। विवेचना के दौरान पाया गया कि अभियुक्त अभियोक्त्री को माता पिता को जान से मारने की धमकी देकर पांच मिनिट बात करने का कहकर बीना ले गया था, बीना से भोपाल ले गया था एवं भोपाल में अभियुक्त अभियोक्त्री का घुमाता रहा। वापिस आते समय विदिशा पुलिस ने वाहन चैकिंग में अभियुक्त एवं अभियोक्त्री से पूछताछ की थी एवं पुलिस उनको थाना विदिशा ले गई थी। अभियुक्त अभियोक्त्री को मोबाइल पर मैसेल करता था और फ्रेंडशिप करने के लिए कहता था। साक्षियों के कथन लेख किये गये। घटना का नक्शा मौका तैयार किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।   

        न्यायाल में विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामला संदेह से परे प्रमाणित पाये जाने पर न्यायालय ने अभियुक्त सुरेन्द्र बालमीकि भादवि की धारा 363 के आरोप में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000 रूपये अर्थदण्ड तथा भादवि की धारा 506/2 के आरोप में 6 माह के सश्रम कारावास व 1000 रूपये के अर्थदण्ड का दंडादेश पारित किया।

नाबालिग से बलात्कार करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

सागर। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/अपर सत्र न्यायाधीश श्री डी.पी. सिंह सिवाच तहसील देवरी जिला सागर के न्यायालय ने नाबालिग के साथ बलात्कर करने के अभियुक्त अनिकेत जाटव पिता पूरनलाल उम्र 20 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत देवरी जिला सागर को भादवि की धारा 363 के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रूपये अर्थदण्ड, भादवि की धारा 376(2)आई के तहत आजीवन कारावास एवं 376(2)एन के तहत आजीवन कारावास व दो दो हजार रूपये के अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के अपराध के लिए 10 वर्ष का कठोर कारावास व चार हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किये जाने का दंडादेश पारित किया। राज्य शासन की ओर से सफल पैरवी विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मीप्रसाद कुर्मी द्वारा की गई।

जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा बताया कि दिनांक-09.05.2021 को फरियादी ने देवरी थाना में रिपोर्ट लेख कराई कि नाबालिग अभियोक्त्री दिनांक-08.05.2021 को रात्रि करीब 11.30 बजे कमरे में थी, जब सुबह 6 बजे उठे तो वह कमरे में नहीं मिली आसपास तलाश किया रिश्तेदारी में पता किया लेकिन वह नहीं मिली। थाने में गुमइंसान पंजीबद्ध की गई जिसकी जॉंच के दौरान दिनांक-10.05.2021 को अभियोक्त्री बरामद हुई। अभियोक्त्री ने बताया कि रात्रि के करीब 12 बजे वह बाथरूम करने नहानी में गई थी तब अनिकेत मुंह दबाकर खींचकर खेतों की तरफ ले गया अनिकेत ने उसके साथ गलत काम किया था वह चिल्लाई लेकिन वहॉं कोई सुनने वाला नहीं था। अभियोक्त्री को बलपूर्वक अन्यत्र ले जाकर उसके साथ बलात्संग करने का अपराध घटित पाये जाने पर मामला पंजीबद्ध किया जाकर पीड़िता एवं आरोपी का चिकित्सीय परीक्षण तथा परीक्षण में प्राप्त वस्तुओं को एफ.एस.एल. जॉंच हेतु भेजा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

        न्यायालय के समक्ष विचारण के दौरान साक्ष्य में आए तथ्यों के माध्यम से अभियोजन ने मामले को संदेह से परे यह साबित किया कि आरोपी अनिकेत ने पीड़िता के साथ बलात्संग किया है जिसकी पुष्टि डी.एन.ए. रिपोर्ट से भी हुई। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्त अनिकेत जाटव को भादवि की धारा 363 के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास, भादवि की धारा 376(2)आई के तहत आजीवन कारावास व 376(2)एन के तहत आजीवन कारावास तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के अपराध के लिए 10 वर्ष का कठोर कारावास का दंडादेश पारित किया।

नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोपी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमति नीलम शुक्ला, सागर के न्यायालय ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने के अभियुक्त थोबन रैकवार पिता लक्ष्मन रैकवार उम्र  66 वर्ष निवासी थाना अंतर्गत नरयावली जिला सागर को भादवि की धारा 354 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 7/8 पॉक्सो एक्ट के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 3(1)(w)(1) एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 3(2)(va) एस.सी./एस.टी. एक्ट के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किये जाने का दंडादेश पारित किया। राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रिपा जैन द्वारा की गई।

घटना इस प्रकार है कि दिनांक-02.02.2017 को दिन के करीब 11 बजे बालिका गांव के एक व्यक्ति के कछवारे में नींबू तोड़ने गई थी कि तभी गांव का अभियुक्त थोबन रैकवार आया और उसने बालिका को पीछे से पकड़ लिया और कहा कि उसे बालिका के साथ गलत काम करना है, तब बालिका के चिल्लाने पर गांव की एक महिला आई तो अभियुक्त थोबन बालिका को छोड़कर भाग गया। फिर बालिका ने उसकी बहन को घटना के बारे में बताया। बालिका की रिपोर्ट पर से थाना नरयावली में भादवि, पॉक्सो एक्ट एवं एस.सी./एस.टी. एक्ट की विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान घटनास्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया। अभियोक्त्री के धारा 161 द.प्र.सं. एवं धारा 164 द.प्र.सं. के कथन तथा साक्षियों के धारा 161 द.प्र.सं. के कथन लेख किये गए। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

        न्यायाल में विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामला संदेह से परे प्रमाणित पाये जाने पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त थोबन रैकवार को 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 500-500 रूपये के अर्थदण्ड का दंडादेश पारित किया।

No comments:

Post a Comment