बाल विवाह की सूचना पर पहुंची टीम को विवाह नहीं करने का वचन दिया, बाद में किया विवाह संपन्नशिवपुरी/खनियांधाना- चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर 26 अप्रैल को सूचना मिली कि खनियांधाना क्षेत्र के चमरौआ गांव में सुखमाल लोधी के 17 साल के लड़के का बाल विवाह 28 अप्रैल को होने वाला है। सूचना मिलने पर परियोजना अधिकारी अरविंद तिवारी ने सेक्टर सुपरवाइजर मुस्कान जैन एवं स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को जांच करने के लिए भेजा। टीम ने उम्र के प्रमाण देखकर बताया कि लड़के की उम्र 17 वर्ष 10 माह है जबकि विवाह के लिए 21 साल पूर्ण होना जरूरी है। टीम के समझाने के बाद लड़के के पिता एवं अन्य परिजनों ने लिखित वचन दिया कि अब वह अपने लड़के का विवाह उसकी उम्र पूरी होने के बाद ही करेंगे किंतु 28 अप्रैल को उन्होंने छुपकर बाल विवाह संपन्न कर लिया। फॉलोअप के दौरान विवाह होने की जानकारी मिलने पर परियोजना अधिकारी अरविंद तिवारी के निर्देश पर विकास नायक सहायक ग्रेड 3 ने संबंधितों के विरूद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करवा दी।
पत्रिका प्रकाशक के विरूद्ध हुई कार्यवाही
लड़के के पिता सुखमाल लोधी, माता प्रभाबाई लोधी, लड़की के पिता जशरथ लोधी, माता रामवती लोधी एवं विवाह पत्रिका प्रकाशक सुदर्शन आर्ट्स एंड फ्लेक्स प्रिंटिंग प्रेस खनियाधाना के विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लड़के के पिता सुखमाल लोधी, माता प्रभाबाई लोधी, लड़की के पिता जशरथ लोधी, माता रामवती लोधी एवं विवाह पत्रिका प्रकाशक सुदर्शन आर्ट्स एंड फ्लेक्स प्रिंटिंग प्रेस खनियाधाना के विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सेवा प्रदाताओं को निर्देश
जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में बाल विवाह करना तथा उसमें सहयोग करना दोनों को दंडनीय अपराध माना गया है। विवाह आयोजनों में सेवाएं देने वाले सेवा प्रदाताओं को सेवाएं देने से पहले वर बधू की उम्र के प्रमाण अवश्य लेने चाहिए। विवाह पत्रिका प्रकाशक को तो पत्रिका के नीचे वर बधू के उम्र के प्रमाण लिए गए है यह टीप अंकित करने के निर्देश है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में बाल विवाह करना तथा उसमें सहयोग करना दोनों को दंडनीय अपराध माना गया है। विवाह आयोजनों में सेवाएं देने वाले सेवा प्रदाताओं को सेवाएं देने से पहले वर बधू की उम्र के प्रमाण अवश्य लेने चाहिए। विवाह पत्रिका प्रकाशक को तो पत्रिका के नीचे वर बधू के उम्र के प्रमाण लिए गए है यह टीप अंकित करने के निर्देश है।
No comments:
Post a Comment