टीका लगना जरूरी ताकि बीमारी की नजर न लगे, 24 से 30 अप्रैल तक चलेगा कार्यक्रमशिवपुरी। हर साल 24 से 30 अप्रैल के बीच विश्व टीकाकरण सप्ताह मनाया जाता है। सरकार ने सप्ताह भर में उन 30 लाख बच्चों की पहचान करने का लक्ष्य रखा है, जिन्हें अब तक एक भी टीका नहीं लगा है। यह कहना रहा रवि गोयल का जो को टीकारण सप्ताह के पूर्व संध्या पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में ग्राम बूढ़ी बरोद में बोल रहे थे, यहां शक्तिशाली महिला संगठन महिला बाल विकास विभाग, ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन एवम स्वास्थ विभाग के साथ मिलकर टीकारण पर जागरूकता लाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा टीके जीवन बचाते हैं, लेकिन दुनिया में करोड़ों बच्चों को अब भी टीका नहीं लग पा रहा है। अगर भारत की बात करें तो 2020 से पहले तक हर साल 20 से 25 फीसदी तक बच्चे टीका नहीं ले रहे थे। कोरोना महामारी में यह आंकड़ा बढ़कर 40 फीसदी तक पहुंचा, लेकिन इसके बाद सुधार भी हुआ है। हर साल 24 से 30 अप्रैल के बीच मनाए जाने वाले विश्व टीकाकरण सप्ताह का इस बार लक्ष्य भी यही बच्चे हैं, जिनके लिए थीम है 'द बिग कैच-अपÓ।
सुपोषण सखी मदकपुरा ने कहा कि देश में सालाना 80 फीसदी तक पहुंचा टीकाकरण लेकिन 20 फीसदी बच्चे अब भी टीकों से दूर यूनिसेफ की रिपोर्ट 'द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2023 : फॉर एवरी चाइल्ड, वैक्सीनेशन के अनुसार, भारत में अब भी 27 लाख बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है। इसके तहत देश में हर साल शून्य से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बीसीजी, पोलियो, न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन, हेपेटाइटिस बी, रोटावायरस वैक्सीन, खसरा व रूबेला (एमआर), जापानी एन्सेफलाइटिस, डिप्थीरिया, टिटनस आदि टीके दिए जा रहे हैं। इसमें पेंटावेलेंट एक संयुक्त टीका भी दिया जाता है, जो डिप्थीरिया, टिटनस, पर्टुसिस, हीमोफिलस, इन्फ्लुएंजा टाइप बी संक्रमण और हेपेटाइटिस बी से बचाता है। विनोद गिरी ने कहा की इसी साल के अंत तक सर्वाइकल कैंसर का टीका 'मानव पेपिलोमावायरसÓ कार्यक्रम (यूआईपी) में शामिल हो सकता है। प्रोग्राम में आंगनवाडी कार्यकर्ता श्रमति रजनी वर्मा के साथ समुदाय की महिलाओ एवम किशोरी बालिकाओं ने मुख्य रूप से भाग लिया एवम सतप्रतिशत टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित किया।
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