श्रीराम कथा प्रसंग में श्रीहनुमान जयंती पर महाराजश्री ने बताई हनुमान जी की महिमा
शिवपुरी- हनुमान जी महाराज इस कलयुग के राजा हैं जो अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए सदैव इस पृथ्वी पर विराजमान रहते हैं, जिस समय भगवान श्री राम अपने साकेत धाम के लिए जा रहे थे उसे समय हनुमान जी महाराज ने प्रार्थना की कि मैं भी आपके साथ चलूंगा परंतु भगवान ने कहा कि हनुमान जी कलयुग में भूत प्रेत पिशाच आदि मनुष्य को दुखी करेंगे, उनको कष्ट पहुंचाएंगे, इसलिए उनकी रक्षा के लिए आपको यहां पर रहना होगा एवं भगवान ने कहा कि जब तक मेरी कथाएं हो जब तक अनुष्ठान हो तब तक आप पृथ्वी पर विराजमान रहें एवं अपने भक्तों के कष्टों को दूर करना। श्री हनुमान जयंती के पावन अवसर श्रीराम कथा के तृतीय दिवस पर आचार्य श्री बृजभूषण महाराज ने कथा में श्रीहनुमान की महिमा को श्रद्धालुओं को श्रवण कराया।
आचार्य बृजभूषण महाराज ने कथा के तृतीय दिवस पर श्रीराम जन्मोत्सव के प्रसंग सुनाया और कहा कि भगवान जो श्री राम है अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं एवं मानव समाज को शिक्षित करके जगत का कल्याण करते हैं, आचार्य ने बताया कि चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णमासी के दिन श्री हनुमान जी महाराज की जयंती मनाई जाती है एवं जो है समस्त भारत वासी इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं इस दिन हनुमान जी महाराज पर गुड़ एवं चने का भोग लगाया जाता है जिससे हनुमान जी महाराज प्रसन्न होकर के आशीर्वाद प्रदान करते हैंद्ध आचार्य जी ने कहा कि हनुमान जी महाराज का प्रताप चार युगों में हैं हनुमान जी एकमात्र देवता है जिनका प्रताप चार युगों में रहता है हनुमान चालीसा में भी आया है, चारों युग प्रताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा,किसी का प्रताप सतयुग में है किसी का प्रताप त्रेता युग में किसी का प्रताप द्वापर युग में किसी का प्रताप कलयुग में परंतु हनुमान जी का प्रताप तो चार युगों में विराजमान रहता है एवं जो भक्त उनके लिए स्मरण करता है। कथा 29 अप्रैल तक जारी रहेगी।
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