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Shishukunj

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Wednesday, April 23, 2025

ब्राहम्ण का अस्तित्व और सम्मान, वैभव, जितना भी बचा है उसके मूल में विद्यमान है पांडित्य कर्म, विषय पर वक्ताओं ने दिया जोर


शिवपुरी में हुआ ऐतिहासिक सफल पांडित्य कर्म विद्वान ब्राहम्ण सम्मान

शिवपुरी - जिला मुख्यालय स्थित होटल मातोश्री में गत दिवस आयोजित पांडित्य कर्म विद्वान ब्राहम्ण सम्मान समारोह सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ महामण्डलेश्वर पुरूषोतम दास जी, महामण्डेलश्वर अनिरूद्ध बन महाराज धूमेश्वर धाम भितरवार, पूज्य संत चूना खो सरकार, पूज्य संत बाई महाराज किशोरीदास जी करह आश्रम, परम पूज्य महंत रूद्र चेतन्यपुरी बगीचा सरकार करैरा, श्रेष्ठ आचार्य जगदीश जैमिनी जी, बांकडे मंदिर एवं भगवान परशुराम जी के छाया चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर माल्यार्पण के साथ अस्ति वाचन श्लोक, महामंत्रो की गूंजों के बीच हुआ। 

तत्पश्चात मंचासीन संत एवं आचार्य विभूतियों का स्वागत वस्त्र, श्रीफल, कार्यक्रम स्मृति चिन्ह, भेट कर दक्षिणा प्रदान करते हुये सर्व ब्राहम्ण समाज के वरिष्ठ जनों अध्यक्ष भरत शर्मा, राजू दुबे खजूरी, रामजी ब्यास,समाज सेवी शशिकांत भारद्वाज , वरिष्ठ पत्रकार संजय बेचैन,डॉक्टर सुखदेव गौतम, अशोक कूंडा, गोपाल त्रिवेदी, विवेक पालिवान, शीतल शर्मा, शिवकुमार चौबे, युवा ब्राहम्ण समाज जिला अध्यक्ष एडवोकेट विशाल भारद्वाज, एडवोकेट शैलेंद्र समाधिया,एडवोकेट जितेंद्र समाधिया,एडवोकेट संजीव बिलगाई, एडवोकेट अजय गौतम,एडवोकेट राधा वल्लभ शर्मा,एडवोकेट बंटी पुजारी ,एडवोकेट दीपेश शर्मा,रामसत्य त्रिवेदी,पटवारी अभिनव चतुर्वेदी ,पटवारी अनुराग शर्मा,धर्मेंद्र त्रिवेदी,पुष्कल गौतम,शिवम शर्मा,अभिषेक मिश्रा ,शिवम शर्मा,शुभम भारद्वाज,विक्की भारद्वाज,आशुतोष मिश्रा,कुलदीप शर्मा, आदित्या पुजारी ,देव शर्मा एवं समस्त युवा टीम संरक्षक समिति श्रीमति शोभा पुरोहित, श्रीमति शशि पाराशर, श्रीमति चंद्रकांता भारद्वाज,श्रीमति ममता भारद्वाज,श्रीमति नमृता गौतम, श्रीमति रंजना पचौरी,श्रीमति किरण शर्मा, वरिष्ठजन जी.पी. शर्मा सेवानिवृत डी.एस.पी., पुरूषोतमकांत शर्मा, सी.पी. कैप्टन, दिलीप मुदगल, सूरज अवस्ती, राहिता नायक, गोपाल गौ? तथा अन्य विप्रजनों द्वारा किया गया।

जिला अध्यक्ष भरत शर्मा ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुये कहा कि सर्व ब्राहम्ण समाज की आवश्यकता है कि वर्तमान हालातो में भी ब्राहम्ण का अस्तित्व और सम्मान, वैभव, जितना भी बचा है उसके मूल में विद्यमान है पांडित्य कर्म जुडें विद्वान ब्राहम्ण द्वारा घर घर कराये जा रहे पूजन, हवन, अनुष्ठान, पाठ, जाप तथा जगह जगह सुनाई जा रही भागवत, रामकथा अनेकों पौराणिक कथाओं का श्रवण कराना तब हम क्यों न इन पंडितों की चरण वन्दना करें, जिसमें लगभग 300 पंडित्यों के दिव्य दर्शनों के साथ महासंतो के दर्शन करने का लाभ मिल रहा है। 

महामण्डलेश्वर पुरूषोतमदास जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्राहम्ण सबकी मंगलकामनाओं को करते हुये एक रहे, एकजुट रहे भिन्न भिन्न ब्राहम्ण संगठनों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये सभी संगठनों का विलोमिकरण कर एक संगठन बनाने पर जोर दिया, तत्पश्चात कर्मकांडी ब्राहम्णों का शाल, पट्टिका, श्रीफल व स्मृति चिन्ह के साथ दक्षिणा देकर सम्मान किया। आभार व्यक्त राजेन्द्र दुबे खजूरी ने व्यक्त करते हुये निर्धारित ब्राहम्ण भोज में सम्मिलित होने का आग्रह किया गया। 

अंत में कार्यक्रम की घोषणा रामजी ब्यास तथा डॉक्टर सुखदेव द्वारा अपने सारगर्भित उद्बोधन द्वारा की गई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थितजनों में समाज के धर्मेन्द्र त्रिवेदी, भगवत शर्मा, संजय बेचैन, विपुल जैमिनी, गिर्राज शर्मा, आकाश शर्मा,शैलेंद्र समाधिया,अमरदीप शर्मा, केदार जैमिनी, रामजीलाल शर्मा, रामप्रकाश टौरिया, सतीश तिवारी, मोहन दांतरे, सुनील उपाध्याय, द्वारिका पाराशर, रामस्वरूप नायक, मुकेश पाराशर, दिनेश भारद्वाज, बी.एम. शर्मा, अभिषेक शर्मा बट्टे, अरूण पंडित, रामहेत तिवारी, राजू पिपरघार, अरविन्द सडईया, विपिन पचौरी, हरगोविन्द शर्मा, भगवान स्वरूप पटसारिया, अशोक ठेकेदार, पवन उपाध्याय, विवेक उपाध्याय, के.के. त्रिपाठी, कालीचरण शर्मा, हरिओम गौतम, अनिल शर्मा, महावीर उपाध्याय, मनोज अवस्ती एवं सैकडों सम्मानित ब्राहम्णों ने उपस्थिति दर्ज करायी। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन महेंद्र उपाध्याय व मणिका शर्मा द्वारा किया गया।

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