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Sunday, May 11, 2025

जैन डेयरी संचालक के भरे गए मिश्रित दूध के सेंपल, करैरा से आता है केमिकल


दूध विक्रेता कर रहे आमजन की जान से खिलवाड़, बिक रहा मिलावटी दूध  

शिवपुरी- जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा इस क्रम में एक और गंभीर मामला सामने आया है जहां पुरानी शिवपुरी लुहारपुरा पुलिया पर स्थित जैन दूध डेरी के संचालक मुकेश जैन द्वारा कथित तौर पर सिंथेटिक दूध और केमिकल युक्त डेरी प्रोडक्ट्स की सप्लाई की गई। यह घटना अशोक विहार कॉलोनी में आयोजित एक भोजन समारोह के दौरान तब उजागर हुई जब रसगुल्ला बनाने के लिए दूध को फाडऩे की प्रक्रिया में नींबू खटाई और टाटरी के उपयोग के बावजूद दूध नहीं फटा तो कार्यक्रम आयोजकों ने आश्चर्य जताते हुए इस सम्बंध में प्रशासन से शिकायत की। 
आयोजक बीपी शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा जैन दूध डेरी से 500 लीटर दूध और 20 किलोग्राम मावा ऑर्डर किया था। रात को जब हलवाई ने रसगुल्ला के लिए दूध से छेना बनाने का प्रयास किया तो दूध तीन बार प्रयास के बाद भी नहीं फटा। डेरी संचालक मुकेश जैन को सूचना दी गई जो एक प्लास्टिक केन में कथित छेना पानी के नाम पर केमिकल लेकर पहुंचे। आयोजकों ने जब उनसे दूध न फटने का कारण पूछा तो उन्होंने दावा किया कि वह एक मिनट में दूध फाड़ देंगे। हालांकि उनके द्वारा लाए गए लिक्विड को सूंघने पर तेज दुर्गंध और आंखों में जलन हुई जिसे उपस्थित लोगों ने टॉयलेट में उपयोग होने वाले तेजाब जैसा रसायन बताया। आयोजकों ने इस लिक्विड को खाद्य पदार्थ में मिलाने से इनकार कर दिया और तर्क दिया कि डेयरी संचालक जिसे छेना पानी बता रहे हैं वे खुद इसे पीकर दिखाएं। इस प्रस्ताव पर वह पीछे हट गए। घटना की सूचना तत्काल जिला प्रशासन को दी गई। रात 10 बजे से 11: 30 बजे तक एडीएम दिनेश चंद्र शुक्ला के निर्देश पर खाद्य विभाग की टीमए जिसमें खाद्य निरीक्षक बीड़ी शर्मा और श्री मिश्रा शामिल थे ने मौके पर पहुंचकर सैंपलिंग की। शुरुआत में निरीक्षक बीडी शर्मा ने कथित केमिकल को बिना जांच के ही केवल पानी बताकर डेरी संचालक की पैरवी करने की कोशिश की। जब उपस्थित लोगों ने उनसे भी इसे पीकर दिखाने को कहा, तो वह भी पीछे हट गए। मामला बिग?ते देख खाद्य टीम ने चार बोतलों में दूध और मावा के सैंपल लिए गए, लेकिन दही का सैंपल लेने से टीम ने देरी का हवाला देकर इंकार कर दिया।
करैरा से हो रहा मिलावटी दूध की सप्लाई
डेयरी संचालक मुकेश जैन ने खुद स्वीकार किया कि करेरा के संजू नामक व्यक्ति द्वारा सप्लाई किया जा रहा एक केमिकल वह दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स में मिलाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह केमिकल जिले भर की डेयरियों में उपयोग होता है हालांकि इस रसायन का नाम उन्हें नहीं पता। इस स्वीकारोक्ति के  बावजूद खाद्य निरीक्षक बी?ी शर्मा ने इस केमिकल का सैंपल लेने से इंकार कर दिया, जिससे उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठे।
पूर्व में भी मिलावट के मामले आ चुके है सामने
यहां बता दें कि पूर्व में भी मिलावट के मामले सामने आए हैं इसी जैन दूध डेयरी का यह पहला मामला नहीं है। गत मार्च में खाद्य विभाग ने इस डेरी के खोया, घी और मिश्रित दूध के सैंपल को सब.स्टैंडर्ड पाया था। इसके बावजूद विभागीय मिलीभगत के कारण यह गोरखधंधा जारी है। इसके अलावा उदय विलास होटल में पिछले साल एक विवाह समारोह के दौरान फूड पॉयजनिंग से 100 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे जिन्हें ग्वालियर और दिल्ली रेफर करना पड़ा था। इन घटनाओं के बाद भी प्रशासन मिलावट पर अंकुश नहीं लगा पाया है। मौके पर मौजूद अधिवक्ता जितेंद्र शर्मा और मनोज राजौरिया ने बताया कि डेरी संचालक की स्वीकारोक्ति और केमिकल का उपयोग गंभीर स्वास्थ्य खतरा है। उनका कहना है कि खाद्य निरीक्षकों की मिलीभगत के कारण यह धंधा फल.फूल रहा है। लोगों ने चेतावनी दी कि वैवाहिक सीजन में नकली पनीर, सिंथेटिक दूध और अन्य मिलावटी प्रोडक्ट्स बड़ी फूड पॉयजनिंग का कारण बन सकते हैं।
इनका कहना है-
हमें मिलावटी दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स की शिकायत प्रशासन के जरिए मिली थी, और इनकी सैंपलिंग के निर्देश मिले थे। अशोक विहार पार्क में रात को जैन दूध डेयरी के दूध और मावे के सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा गया है।
बीडी शर्मा
खाद्य निरीक्षक शिवपुरी

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