शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में बुधवार को विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से प्रधान जिला एवं सेशन न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवपुरी माननीय श्री राजेन्द्र प्रसाद सोनी के निर्देशन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती रंजना चतुर्वेदी द्वारा एंटी रैगिंग जागरूकता एवं नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अध्यक्षता अधिष्ठाता डॉक्टर डी.परमहंस, मुख्य अतिथि श्रीमती रंजना चतुर्वेदी एवं एंटी रैगिंग मेडिकल कॉलेज की टीम से विभागाध्यक्ष डॉक्टर के. बी. वर्मा , उप रजिस्ट्रार डॉक्टर उर्वशी मारवाह, सहायक पीआरओ राहुल अष्ठाना सहित समस्त चिकित्सक, सीनियर, जूनियर रेसीडेंट, नर्सिंग सवंर्ग, पैरामेडिकल संवर्ग एवं गैरशैक्षणिक संवर्ग मौजूद रहे।जागरूकता शिविर के माध्यम से श्रीमती रंजना चतुर्वेदी ने कर्मचारियों और छात्रों को एंटी-रैगिंग अधिनियम, यौन उत्पीडऩ अधिनियम, निर्भया अधिनियम और नियमित दैनिक गतिविधियों में निहितार्थ के साथ अन्य कानूनी कृत्यों के बारे में बताया गया। छात्रों को रैगिंग और रैगिंग में शामिल होने के परिणामों के बारे में समझाया गया। इस बात पर भी जोर दिया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश में संस्थानों में किसी भी रूप में रैगिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह भी कहा कि रैगिंग एक आपराधिक कृत्य है रैगिंग में शामिल होने के परिणामों और खतरों को समझें। एमबीबीएस छात्र- छात्राओं को रैगिंग मुक्त परिसर बनाने के लिए कहा।
इसी के साथ श्रीमती रंजना चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि छात्र छात्राओं को सदैव अपने उद्देश्य पर केन्द्रित रहते हुए नशे जैसी घातक बुराई से दूर रहना चाहिए। युवा शक्ति के लगातार नशीले पदार्थों के सेवन में लिप्त होना चिंताजनक है। गुटखा, मद्यपान, अफीम, हेरोइन जैसे नशे के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारी तेजी से फैल रही है, जिनको रोकना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विद्यार्थियों को नशे एवं रैगिंग जैसी विकृतियों से बचने के लिए प्रेरणा प्रदान की। अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस ने रैगिंग की विस्तृत परिभाषा पर प्रकाश डाला। साथ ही, व्याख्यान में उदाहरणों के साथ रैगिंग के विभिन्न रूपों को गिनाया गया। रैगिंग के दुष्परिणामों के बारे में बताया गया और छात्रों को कानून के तहत रैगिंग के लिए दंड के बारे में जागरूक किया गया। छात्रों को यह भी बताया गया कि रैगिंग के किसी भी मामले का सामना करने पर उन्हें संबंधित कर्मियों से संपर्क करने में क्या भूमिका निभानी चाहिए।
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