विधानसभा पोहरी में भाजपा और कांग्रेस के बीच बसपा से उम्मीदवारी के रूप में कैलाश बन सकते हैं प्रत्याशी
शिवपुरी- शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा के इतिहास को धूमिल करते हुए वर्तमान विधायक प्रहलाद भारती ने दो बार विजेता बनकर इस क्षेत्र के इतिहास को पलट कर रख दिया है। कहा जाता है कि पोहरी में धाकड़ और ब्राह्मणवाद के चलते यहां कभी भी कोई प्रत्याशी दूसरी बार विजयी नहीं हो सका, इस मिथक को पोहरी के प्रहलाद भारती ने तोड़ दिया लेकिन हालातों की बात करें तो आज स्थिति उलट है यहां पोहरी विधानसभा में धाकड़ समाज से भाजपा के प्रहलाद भारती और ब्राह्मणवाद की पहचान बने पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला को नकारते तीसरी जाति के रूप में मंडी उपाध्यक्ष कैलाश कुशवाह का उदय हुआ है वह स्वयं पोहरी में 25 हजार की जनसंख्या में मौजूद कुशवाह समाज से प्रतिनिधित्व करने का दंभ भर रहे है और सूत्रों के अनुसार संभावना जताई जा रही है कि वह भाजपा और कांग्रेस के बीच तीसरी पार्टी बसपा से उम्मीदवार के रूप में नए प्रत्याशी घोषित हो सकते है। सूत्रों की चर्चा है कि इसके लिए उन्हें बसपा से भी हरी झण्डी मिल चुकी है और एक ओर जहां बसपा वर्ष 2013 में अपने चार प्रत्याशियों के जीतने के बाद वर्ष 2018 में करीब आधा सैकड़ा प्रत्याशी विजयी बनाना चाहती है और वह ऐेसे उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेगी जो जीत की दृष्टि और जातिगत रूप से अपनी साख क्षेत्र में बनाए हुए है। इन्हीं में से एक है कैलाश कुशवाह जिन्हें ना केवल कुशवाह बल्कि यादव, गुर्जर, रावत सहित बसपा का जातिगत वोट बंैंक लाभ भी उन्हें मिल सकता व अन्य जातियों का समर्थन भी उन्हें प्राप्त है ऐसे में उन्होंने पूरा मन इन दिनों विधानसभा क्षेत्र कोलारस में लगा रखा है। क्षेत्रवासियों से सतत जनसंपर्क और उनकी मूलभूत आवश्यकता पूर्ति के लिए भी वह भरसक प्रयास कर रहे है।
धाकड़ और ब्राह्मणवाद पर भारी पड़ सकते है कैलाश कुशवाह
पोहरी क्षेत्र में इन दिनों खूब चर्चा चल रही है कि इस बार धाकड़ और ब्राह्मणवाद के नाम पर वोट नहीं दिए जाऐंगें बल्कि साफ चेहरा और मिलनसार छवि के व्यक्ति को चुनकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सौंपा जाएगा। यहां सूत्रों के अनुसार धाकड़ और ब्राह्मणावाद को नकारते हुए तीसरी जाति के रूप में कुशवाह समाज से कैलाश कुशवाह लगातार क्षेत्रवासियों से मिलकर अपनी दावेदारी जता चुके है और वह आशान्वित भी है कि जब ब्राह्मण समाज की संख्या ना के बराबर, धाकड़ समाज में स्वयं विधायक के प्रति विरोध और अन्य जातियों की पूछ-परख ना होने का लाभ उन्हें इस विधानसभा चुनाव में मिलेगा और बसपा का जातिगत वोटबंैंक का लाभ भी मिलेगा। ऐसे में यह बात भी सामने आई है कि धाकड़ और ब्राह्मणवाद से निकलकर अन्य जाति के रूप में जनता कैलाश कुशवाह को भी चुन सकती है लगभग छ: माह से कैलाश कुशवाह ने अपनी पूरी ताकत क्षेत्र में झोंक दी है।
25 हजार कुशवाह तो फिर अन्य जातियों का वोट बैक का भी मिलेगा लाभ
सूत्र बताते है कि पोहरी विधानसभा में जब कुशवाह समाज की संख्या ही 25 हजार है तो इसमें अन्य जातियों में रावत, गुर्जर, यादव, प्रजापति सहित बसपा जाति का वोटबैंक मिल जाए तो इन जातियों का लाभ यहां बसपा के रूप में कैलाश कुशवाह को मिल सकता है। यह बात भी सही है कि जब धाकड़ प्रत्याशी के रूप में प्रहलाद भारती और हरिबल्लभ शुक्ला कम संख्या होने के बाद भी ब्राह्मणवाद का डंका बजा रहे है तो फिर कैलाश कुशवाह तो हजारों की संख्या में रहने वाले कुशवाह समाज का प्रतिनिधित्व करने का मन बना रहे है ऐसे में उन्हें इस मुकाबले में अपना समर्थन अधिक दिखाई दे रहा है इसलिए वह पूरी ताकत के साथ उम्मीदवारी के लिए क्षेत्रवासियों की मांग पर ही यह तैयारी कर रहे है।
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