वृहद ना होकर संक्षिप्त रूप में मॉं वैष्णो और भैंरो बाबा के हो रहे दर्शन, उमड़ रहे श्रद्धालुशिवपुरी। मॉं की भक्ति में होती है शक्ति और इस भक्ति के साथ शक्ति को सार्थक किया है वर्षों से आयोजित होने वाले मॉं वैष्णो दरबार ने जहां कोरेाना काल जैसी वैश्विक महामारी के बीच भी मॉं वैष्णो भक्त मण्डल के द्वारा माता का दरबार सजाया गया भले ही वह वृहद ना होकर संक्षिप्त ही क्यों ना हो, बाबजूद इसके अपनी श्रद्धानुसार मॉं वैष्णो और भैंरोबाबा का दरबार सजाया गया जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शनार्थ आ रहे है और कोरोना गाईड लाईन का पालन करते हुए यह दरबार धर्मप्रेमीजनों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। बीती 17 अक्टूबर से शुरू हुई नवरात्रि की धूम हर जगह है मंदिरों पर भक्त मां की आराधना के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन इस बार उन्हें कोरोना के नियमों का कड़ाई से पालन करना पड़ रहा है। आयोजक भी भक्तों को कोरोना के नियमों का हवाल देकर मंदिरों और पांडालों में प्रवेश दे रहे हैं।
आज नवरात्रि का चौथा दिन है और आज के दिन मां कुष्मांडा की आराधना की जा रही है। शहर में पिछले कई वर्षो मां वैष्णों देवी का दरबार सजाया जा रहा है, जो इस वर्ष भी लगाया गया है। लेकिन इस बार मां के दरवार का स्थान परिवर्तन किया गया है। पहले जब 28 वर्ष पूर्व मां के दरबार को सजाने की शुरूआत की गई थी तो स्थान का चयन ठाकुरदास का बाड़ा किया गया था। जहां बांस और वल्लियों का पैरा बनाकर गुफाओं के माध्यम से मां के दरबार तक पहुंचने की व्यवस्था भक्तों के लिए की गई थी। लेकिन दो वर्ष बाद ही दरबार का स्थान बदलकर सुआलाल के बाडे में किया गया और इसके बाद 25 वर्षो से निरंतर मां का दरबार वहां सजाया जा रहा है। लेकिन अब वहां मार्केट और अन्य मकानों के निर्माण के कारण जगह नहीं बची है।
जिस कारण आयोजकगणों ने मां वैष्णों के दरबार को पुराने स्थान पर लगाने का निर्णय किया और 14 नम्बर कोठी पर स्थित लक्ष्मणदास के बाड़े में मां के दरबार को सजाया गया है। लेकिन कोरोना के चलते कोई गफाएं नहीं बनाई गई और 9 देवियों की प्रतिमाएं भी स्थापित नहीं की गईं। दरबार में सिर्फ अर्धकुमारी का दरबार के साथ मां वैष्णों और भैरो बाबा का दरबार सजाया गया है। मां के दरबार सजाने की शुरूआत 1992 में की गई थी।
शारदीय नवरात्रों में सजाए जाने वाले मां के दरबार में हजारों की संख्या में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया और शिवपुरी शहर सहित जिलेभर के लोग मां वैष्णों के दरबार में दर्शनों के लिए पहुंचने लगे। भीड़ को देखते हुए पुलिस व्यवस्था भी शहर में लगाई जाती थी और लंबी.लंबी लाईनों में लगकर भक्त मां के दरबार तक पहुंचते थे। यह सिलसिला आज भी जारी है। लेकिन कोरोना ने इस लंबी.लंबी कतार को कम कर दिया है। मां वैष्णों के दरबार में अष्टमी को माता के खजाने का वितरण किया जाता है और भंडारों का आयोजन भी होता है। साथ ही आयोजक मंडल द्वारा ऑर्केस्ट्रा का कार्यक्रम भी किया जाता है।
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