गंभीर मामलों में सीबीआई जांच की मांग और फास्टटै्रक कोर्ट के जरिए दोषियों को मिले सजाशिवपुरी- राष्ट्रीय रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में भारत में महिलाओं और दलितों के खिलााफ अपराध में सात फीसदी से अधिक वृद्धि हुई ह और इस दौरान बलात्कार के प्रतिदिन कम से कम 87 मामले सामने आए है उत्तरप्रदेश में साल दर साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले बढ़़ते जा रहे है वर्तमान में उप्र के हाथरस जिले में 14 सितम्बर को हुई घटना को सवर्ण जाति के चार युवकों ने 19 वर्ष की मासूम दलित बालिका के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया,
इससे संपूर्ण राष्ट्र में रोष व्याप्त है और अपाक्स संघ इस घटना की पुरजोर निंदा करता है साथ ही मांग की जाती है कि इस तरह के गंभीर मामलो की जांच सीबीआई से कराई जाए व इन मामलो की सुनवाई फास्ट टै्रक कोर्ट के जरिए ताकि दोषियों को जल्द सजा से दण्डित किया जावे। यह मांग की अपाक्स संघ के जिलाध्यक्ष दुबेजी बाथम ने जिन्होंने हाथरस, बलरामपुर और खरगौन में हुई मासूमों के साथ दरिंदगी को लेकर हुई दुष्कर्म की घटनाओं से आहत होकर डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए की।
इस दौरान अपाक्स संघ के अन्य पदाधिकारी व सदस्यगण मौजूद रहे जिन्होंने उत्तरप्रदेश के बलराम और हाथरस की घटनाओं की पुरजोर तरीके से निंदा की व दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त सजा दी जाए इसे लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन के माध्यम से गुहार लगाई है ताकि पीडि़त और उनके परिजनो कों न्याय मिल सके व दोषियों को कड़ी सजा मिलने से इस तरह की घटनाओं की पुऩ: पुनरावृत्ति ना हो सके।
No comments:
Post a Comment