पड़ौरा स्थित पटेल एण्ड संस पर आयोजित सत्संग कार्यक्रम में श्रद्धालुओं का आर्शीवचन देकर किया मार्गदर्शनशिवपुरी। असल में पूर्ण संत और पूर्ण संत का सत्संग का मिलना बहुत ही दुर्लभतम है क्योंकि वर्तमान में जो संत सत्संग कर रहे है वह किसी भी धार्मिक ग्रंथ के आधार पर पूर्ण परमेश्वर की प्रमाणित जानकारी नहीं देते हैं, बल्कि कही.सुनी कथाओं को लेकर ही सत्संग कर रहे हैं, जिससे मोक्ष मार्ग दूर.दूर तक सम्भव नहीं हो पाता, शंका समाधान नहीं हो पाता। मन की अशांति खत्म नहीं हो पाती। दुख दूर नहीं हो पाते हैं, इसके विपरित यदि पूर्ण संत द्वारा दिया गया तत्वज्ञान सत्संग जो आत्मा की असली खुराक होता है।
उसे सुना जाए तो मानव सर्व बुराईयों को त्याग कर सुखदाई जीवन जीने लगता है। अब बात ये आ जाती है कि अनगिनत धर्मगुरुओं की मौजूदगी में वह पूर्ण गुरु कौन हैए वह तत्वदर्शी संत कौन है, जिसका सत्संग सुनने मात्र से बुराइयां खत्म हो जाएं, जाहिर सी बात है कि इस प्रश्न का उत्तर जनना आपके लिये बेहद जरूरी है लेकिन उससे कहीं ज्यादा जरूरी है इस उत्तर को प्रमाण के साथ आपके सामने प्रस्तुत करना। तो प्रमाण स्वरूप हम पहले पवित्र श्रीमदभगवदगीता गीता के अध्याय 15 के मंत्र नंबर 1 से 4 का श्लोक 1 आपके सामने प्रस्तुत करते हैं। जिसमे सच्चे संत अर्थात तत्वदर्शी संत का वर्णन स्पष्ट रूप से किया गया है।
उक्त उद्गार व्यक्त किए जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज ने जो स्थानी एबी रोड़ पड़ौरा स्थित पटेल एण्ड संस फार्म पर आयोजित सत्संग कार्यक्रम के रूप में उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने आर्शीवचन देकर उनका मार्गदर्शन कर रहे थे। इस अवसर पर जिले के पडोरा चौराहा पर यशपाल रावत के आइसर वर्कशॉप पर प्रोजेक्टर द्वारा संत रामपाल जी महाराज का स्वागत अभिनंदन कर आर्शीवाद प्राप्त किया गया तत्पश्चात यहां सत्संग का आयोजन हुआ।
सत्संग में आये हुए अनुयायियों ने बताया की संत रामपाल जी महाराज के सत्संग हर एक छोटे से छोटे क्षेत्र में करवाए जाते हैं जिससे प्रभावित होकर कई नौजवानों ने नशाए दहेज, चोरी, रिश्वतखोरी, जारी इत्यादि प्रकार की सर्व बुराइयों का पूर्ण त्यागकर सादगीपूर्ण जीवन जीने का संकल्प लिया व संत रामपाल जी महाराज के सत्संग से प्रभावित होकर संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण की। संत रामपालजी महाराज जी की विचारधारा को विस्तृत रूप से जानने की संत रामपाल जी महाराज की द्वारा लिखित ज्ञान गंगा व जीने की राह नामक पुस्तक का अध्ययन करें तथा संत रामपाल जी महाराज के सत्संग श्रवण हेतु सतलोक आश्रम यूट्यूब विजिट करें।
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