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Thursday, July 28, 2022

भूमि अधिग्रहण की राशि ना देने पर न्यायालय द्वारा एसडीएम की संपत्ति कुर्क कर राशि दिलाए जाने के दिए निर्देश


मामला कोलारस क्षेत्र के कोटानाका में फोरलेन निर्माण में ली गई भूमि अधिग्रहण का

शिवपुरी- कोलारस क्षेत्रांतर्गत आने वाली ग्राम कोटानाका से होकर गुजरने वाली फोरलेन निर्माण के दौरान एक हितग्राही की भूमि अधिग्रहण करने के बाद भी प्रदाय की जाने वाली जब राशि नहीं दी गई तो इस राशि को प्राप्त करने के लिए हितग्राही के द्वारा माननीय न्यायालय शिवपुरी के समक्ष अपना पक्ष रखा जिस पर प्रकरण की संपूर्ण विवेचना उपरांत यह निर्णय पारित हुआ कि एसडीएम कोलारस को इस पूरे मामले में लेटलतीफी को लेकर माननीय न्यायालय के द्वारा करीब 71 लाख रूपये की राशि हितग्राहियों को प्रदाय करने के निर्देश दिए है और इस राशि को प्राप्त करने के लिए भू-अर्जन अधिकारी (एसडीएम)कोलारस की चल संपत्ति कुर्क करके प्रदाय की जावे।

मामला इस प्रकार है कि प्र.क्रं.01/2014 हितग्राही श्रीमती लक्ष्मी पत्नि अरूण कुमार वैश्य निवासी सर्राफान मोहल्ला कोलारस की भूमि ग्राम कोटानाका में स्थित है जहां फोरलेन निर्माण को लेकर जब हाईवे यहां से गुजर रहा था तब वर्ष 2010 में श्रीमती लक्ष्मी वैश्य की भूमि को अधिग्रहण किया गया था और इस भूमि अधिग्रहण के रूप में मुआवजा राशि तत्समय हितग्राही को दी गई थी लेकिन यहां प्रदाय की गई राशि से हितग्राही श्रीमती लक्ष्मी वैश्य संतुष्ट नहीं हुई और अपने स्वामित्व की भूमि को फोरलेन निर्माण के दौरान की गई अधिग्रहित भूमि की पर्याप्त राशि प्राप्त करने के लिए न्यायालय सप्तम अपर जिला न्यायाधीश की शरण ली। 

जिस पर प्रकरण विवचेना के उपरांत दिनांक 06.03.2020 को माननीय न्यायालय के द्वारा हितग्राही को राशि करीब 37 लाख रूपये तथा उस पर सन् 2014 से 9 प्रतिशत का ब्याज एक वर्ष तक का इसके पश्चात 12 प्रतिशत ब्याज राशि सहित प्रदाय करने के निर्देश भू-अर्जन अधिकारी(एसडीएम)कोलारस को दिए लेकिन यह राशि प्रदाय करने के बजाए आपत्ति करते हुए भू-अर्जन अधिकारी इस मामले को लेकर सड़क विकास निगम में लेकर चले गए, जब यहां सड़क विकास निगम के द्वारा पक्षकार बनने के लिए माननीय न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसे माननीय न्यायालय के द्वारा तथ्यपूर्ण ना होने के चलते खारिज कर दिया तथा माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर से स्थगन आदेश लाने हेतु निर्देशित किया।

लेकिन जब स्थगन आदेश ना तो भू-अर्जन अधिकारी और ना ही मप्र सड़क विकास निगम की ओर से पेश नहीं किया गया तब माननीय न्यायालय सप्तम अपर जिला न्यायाधीश अमित कुमार गुप्ता के द्वारा दिनांक 20.07.22 को प्रकरण की सुनवाई के उपरांत आदेशित किया गया कि हितग्राही श्रीमती लक्ष्मी वैश्य को अधिगृहित भूमि की कीमत मय ब्याज के करीब 71 लाख रूपये है वह अदा की जावे अन्यथा की स्थिति में भू-अर्जन अधिकारी की चल संपत्ति कुर्क कर हितग्राही को यह राशि प्रदाय की जावे। मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को तय की गई है। प्रकरण में जे.पी.शर्मा वरिष्ठ अभिभाषक व आनन्द माथुर के द्वारा वादी की ओर से पैरवी की गई।

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