महाकुंभ में अनेकों संतों की उपस्थिति में किया गया महामंडलेश्वर पद पर अभिषेकशिवपुरी। जो इच्छा करिहौ मन माही, राम कृपा कछु दुर्लभ नाही।। तुलसीदास जी की चौपाइ में राम की कृपा का महत्व बताया गया है। राम की कृपा के बिना किसी भी इच्छा का कोई मोल नहीं है लेकिन यदि प्रभु श्री राम ने आप पर कृपा बरसा रखी है और आप उनके बताए गए मार्ग का अनुसरण कर आगे बढ़ते हैं तो यह बात पूरी तरह सत्य है कि आप उस पद प्रतिष्ठा को प्राप्त कर ही लेंगे जिसके आप योग्य हैं। ऐसे ही हमारे शिवपुरी के गौरव के रूप में महाकुंभ में देश के सबसे छोटे महामंडलेश्वर बनने का सौभाग्य प्राप्त कर पवन प्रेम जी महाराज ने इसका श्रेय अपने गुरुदेव पुरुषोत्तम दास जी महाराज को दिया है। साथ ही उन्होंने सभी उपस्थित संत जनों का हार्दिक अभिवादन करते हुए अपना आशीष बनाए रखने का भी आशीर्वाद प्राप्त किया है।
विगत दिवस शिवपुरी के श्रीराम जानकी तुलसी आश्रम बड़े हनुमान मंदिर खालसा महाकुंभ में उस समय एकदम हर्ष की लहर दौड़ गयी जब शिवपुरी के एक बालयोगी के रूप में प्रचलित पवन प्रेम जी महाराज को देश का सबसे युवा महामंडलेश्वर बनाया गया। महा प्रकांड विद्वान बालक के रूप में शिवपुरी में ख्यातिनाम पवन प्रेम ने अपना सारा जीवन जैसे गुरुदेव के सेवा में ही समर्पित कर दिया था, आज उसी के सुखद परिणाम मिलने प्रारंभ हो चुके है। अति सरल सहज हंसमुख एवम काफी कम आयु में अति विद्वानता का भाव आपमे स्पष्ट दिखाई देता है। पवन प्रेम जी महाराज शिवपुरी के रहने वाले हैं और छोटी उम्र से ही श्री राम जानकी तुलसी आश्रम बड़े हनुमान मंदिर पर स्वाध्याय कर स्वयं को प्रभु चरणों के करीब रखकर सदैव गुरुदेव की आज्ञा का पालन करते हुए जीवन में अग्रसर होते गए। इस पावन अवसर पर हजारों राष्ट्रीय संत संत महंत श्री महंत मंडलेश्वर एवं महामंडलेश्वर की उपस्थिति में आपका अभिषेक किया गया।
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