कलारी हटाओ परिवार बचाओ आंदोलन का किया शंखनाद, निकाली शराब के पौआ की अर्थीशिवपुरी। वार्ड क्रमांक 20 में मंदिर और स्कूल के पास स्थित कलारी हटाने को लेकर पिछले दिनों आठ दिन तक पार्षद विजय बिंदास के नेतृत्व में वार्ड के सैकड़ों स्त्री पुरूषों और बच्चों ने धरना दिया था। जिसमें जन दवाब से प्रेरित होकर बाद में नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा और सांसद प्रतिनिधि हरिओम राठौर भी शामिल हो गए थे। जन दवाब इतना प्रबल था कि प्रशासन और आबकारी विभाग को जनमांग के समक्ष सहमत होना पड़ा था और एसडीएम उमेशचंद कौरव ने लिखित रूप से आश्वासन दिया था कि हरहालत में 15 अप्रैल तक कथित स्थल से कलारी हटाकर अन्यंत्र स्थान पर स्थानतरित की जाएगी।
लेकिन जैसी कि पार्षद बिंदास को आशंका था कि प्रशासन वायदा पूरा नहीं करेगा और हुआ भी वही। 15 अप्रैल तक कलारी नहीं हटी तो 16 अप्रैल को पार्षद बिंदास जनसुनवाई में जा पहुंचे और उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि यदि 17 अप्रैल तक कलारी नहीं हटी तो वे पुन: 18 अप्रैल से धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे। इसके बाद आज से वार्ड वासियों ने कलारी के सामने पार्षद बिंदास के नेतृत्व में धरना शुरू कर दिया। जिसमें बड़ी संख्या में वार्डवासी भी शामिल हुए। आंदोलनकारियों ने धरने के पहले दिन शराब के पौआ की अर्थी निकाल कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। पार्षद का कथन है कि यह धरना तब तक नहीं हटेगा जब तक प्रशासन द्वारा काली नहीं हटाई जाएगी। धरना प्रदर्शन में बाद में सांसद प्रतिनिधि हरिओम राठौर भी शामिल हुए।
आंदोलनकारी शराबियों को पहना रहे हैं माला
धरना प्रदर्शन में आंदोलनकारियों का धरना शांति पूर्ण तरीके से कलारी के पास चल रहा हैं। खास बात यह है कि आंदोलनकारी कलारी में शराब लेने आने वाले लोगों को माला पहनाकर गांधीवादी तरीके से अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं। पार्षद बिंदास ने अपने बयान में कहा कि उनका धरना कलारी हटने तक जारी रहेगा। अब वह प्रशासन के आश्वासन को नहीं मानेंगे। क्योंकि प्रशासन एक बार आश्वासन देने के बाद अपने वायदे से पीछे हट गया है।
धरना प्रदर्शन में आंदोलनकारियों का धरना शांति पूर्ण तरीके से कलारी के पास चल रहा हैं। खास बात यह है कि आंदोलनकारी कलारी में शराब लेने आने वाले लोगों को माला पहनाकर गांधीवादी तरीके से अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं। पार्षद बिंदास ने अपने बयान में कहा कि उनका धरना कलारी हटने तक जारी रहेगा। अब वह प्रशासन के आश्वासन को नहीं मानेंगे। क्योंकि प्रशासन एक बार आश्वासन देने के बाद अपने वायदे से पीछे हट गया है।
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