शिवपुरी- जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है वैसे-वैसे विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे दावेदार प्रत्याशी भी अपने जनसंपर्क और चुनावी तैयारियों को अलग-अलग अंदाज में रंगत दे रहे है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच भले ही पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी, पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन के अनुज जितेन्द्र जैन गोटू हो अथवा कोलारस क्षेत्र में जमीनी पकड़ में सबसे मजबूत माने जाने वाले और स्वच्छ और निर्विवाद छवि के कोलारस के भाजपा कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे आलोक बिन्दल यह सभी ऐसे चेहरे है जो भाजपा से अपनी मजबूत पकड़ के चलते चुनावी तैयारियों में जुटे हुए है।
जमीनी स्तर पर तैयारी कर रहे है आलोक बिन्दल
इनमें सर्वाधिक रूप से जनता और उनके दु:ख दर्द में शामिल होने के लिए कोलारस में सक्रिय रूप से दिखावा नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने का कार्य आलोक बिन्दल द्वारा किया जा रहा है। आलोक बिन्दल की छवि इस विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कार्यकर्ता के रूप में है जिस का पूरा परिवार आरंभ से ही समर्पित भाव से जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी के कार्य को अपना कार्य समझ कर अपना सर्वस्व झोंकता चला रहा है चूॅकि पूर्व समय से ही राजनैतिक पृष्ठभूमि से जुड़े आलोक बिन्दल का एक लंबा राजनैतिक अनुभव भी है और वह हर समय और हर चुनाव में सदैव ही पार्टी के प्रत्याशी के साथ ईमानदारी के साथ खड़े रहे हैं उनकी यही खूबी उन्हें अन्य दावेदारों से अलग करती है श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया जी को अपना आदर्श मानने वाले आलोक बिंदल हमेशा ही भाजपा की नीतियों की प्रति ईमानदारी से समर्पित और उसकी नीतियों को प्रसारित करने का कार्य करते रहे हैं। आलोक बिंदल का सबसे मजबूत पक्ष यह है उनकी कार्यशैली बहुत ही जुझारू और मेहनती कार्यकर्ता कि है लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी का कोई भी पद उनके पास नहीं है इसके बावजूद क्षेत्र की जनता में उनका प्रभाव कायम है उन्होंने कभी भी पार्टी के विरूद्ध जाकर कोई कार्य नहीं किया और यही कारण रहा कि वह विधानसभा दावेदारो में हर बार शामिल रहे। लेकिन इस बार खबर है कि वह पुरजोर तरीके से अपना कैंपेन कोलारस विधानसभा के विभिन्न ग्रामों और जनपद क्षेत्रों के आसपास पहुंचकर कोलारस नगर में भी सक्रिय बने हुए है। चाहे कोर्ई भी समाज हो उसमें आलोक बिन्दल का सतत संपर्क रहा आज भी बना हुआ है। 2018 की विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा निर्धारित मापदंडों पर आलोक बिन्दल पूर्णता खरे उतरते हैं और उनकी प्रबंधन शैली पूरे विधानसभा क्षेत्र में खासी लोकप्रिय हैं, तकनीकी रूप से दक्ष, शिक्षित, ईमानदार, जुझारू और जोशीले युवा आलोक बिन्दल अपनी सहज और सरल वाणी और उत्तम व्यबहार के लिए लोकप्रिय है अंदरूनी सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अबकी बार की आम चुनाव में आलोक बिन्दल की दावेदारी उन्हें भाजपा प्रत्याशी के रूप में बदल दे, तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए
दल बदलू छाप खराब कर सकती है वीरेन्द्र रघुंवशी की छवि
शिवपुरी विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस पार्टी के रूप में जो छवि पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने बनाई उसी का प्रभाव है कि वह भले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जरूर आ गए लेकिन भाजपा में भी वह अपना दबदबा कायम नहीं रख पाए आज भी वह अपनी कांग्रेसी मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं और इसी वजह से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनसे दूरी बना ली है अपनी विवादास्पद कार्यशैली और विवादित बयानों की चलती वह कई बार अपनी किरकिरी करा चुके हैं भाजपा की प्रदेश कार्य समिति में सदस्य के रूप में और अशोकनगर विधानसभा प्रभारी बनकर पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी भी अपनी नजर कोलारस विधानसभा की ओर टिकाए हुए है, हालांकि दल-बदलू की छाप उनकी बेदाग छवि को खराब कर रही है बाबजूद इसके वीरेन्द्र रघुवंशी जनता के बीच जाकर चुनाव में अपनी धाक जमाने को बेताब है। इसके लिए उन्होंने कई बार क्षेत्रीय सम्मेलन और सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी की। कोलारस के उप चुनाव में भी वीरेन्द्र रघुवंशी का नाम पूरी सक्रियता से जोर पकड़ा लेकिन दल-बदल की छवि ने उनके स्थान पर पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन को टिकिट दिलाया। लेकिन अब मुख्य चुनाव में वह फिर से अपनी दावेदारी जनता के बीच कर रहे है बाबजूद इसके यह दाग उनके चुनाव लडऩे पर संशय लगा सकता है।
हजारों वोटों की हार अब छोटे भाई भी लगा रहे अपना दांव
कोलारस विधानसभा में वर्ष 2013 में 25हजार मतों से पराजय का मुंह चख चुके पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन ने की गिरती साख उप चुनाव कोलारस में भी नहीं बच सकी और वह इसमें भी करीब 8 हजार मतों से पराजित हुए। अब उनके स्थान पर हजारों वोटों की हार के बाद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेन्द्र जैन गोटू भी पूरी तैयारी के साथ चुनाव लडऩे का मन बनाया है लेकिन वह अपना दांव किसके बीच खेल रहे है यह शायद उन्हें पता तो है लेकिन वह स्वीकार नहीं करते। कोलारस विधानसभा वही है जहां से देवेन्द्र जैन दो बार चुनाव हारे ऐसे में अब पूर्व विधायक के परिजनों को टिकिट मिलना अथवा देना कहीं ना कहीं पार्टी की एक बड़ी चूक होगी। हालांकि सूत्रों की खबर है कि देवेन्द्र जैन की छवि के बाद जितेन्द्र जैन की छवि भी जनमानस में ठीक नहीं इसका कारण है कि उन्होंने अपने गोदाम में एक कृषक की फसल रखी थी और बाद में उसी कृषक के साथ मारपीट की और यह मामला इतना तूल पकड़ा कि मामले में जितेन्द्र जैन व उनके भाई पर भी पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया। ऐसे में जनता में गुण्डा तत्व की छवि जितेन्द्र जैन की सामने आ रही है। उनकी आपराधिक और अहंकार युक्त उनकी छवि उनके रास्ते मे कांटे बिछा रही है
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