क्षेत्रीय जनता के रोष का सामना करना पड़ सकता है कांग्रेस पार्टी को
शिवपुरी- जिले की पांच विधानसभाओं में करैरा विधानसभा एकमात्र ऐसी विधानसभा है जहां कई वर्षों से किसी तरह का कोई विकास कार्य करने वाला जनप्रतिनिधि नहीं मिला है फि र चाहे पार्टी कोई भी रही हो। अभी वर्तमान में कांग्रेसी विधायक शकुंतला खटीक का उनके कार्यकाल को लेकर क्षेत्रीय जनता में काफी रोष व्याप्त है और सूत्रों के अनुसार चर्चाओं में यदि उन्हें पुन: करैरा से कांग्रेस से दावेदारी सौंपी जाती है तो ना केवल यह सीट निश्चित ही कांग्रेस गंवा देगी बल्कि क्षेत्र के विकास में एक बार फिर से करैरा विधानसभा पिछड़ जाएगी। इसलिए आवश्यक है कि कांग्रेस पार्टी को यहां से कोई नया उम्मीदवार घोषित करना होगा फिर चाहे वह बाहरी हो या स्थानीय, क्योंकि अब करैरा की जनता मूलभूत सुविधाएं और क्षेत्र का विकास चाहती है। वहीं दूसरी और बसपा और भाजपा की बात करें तो बसपा से प्रागी लाल जाटव यहां से उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं जो कि क्षेत्र की जनता में अपने कार्य व्यवहार के आधार पर जाटव समाज और अन्य समाजों में अच्छी भूमिका रखते हैं और अब बात करें बीजेपी से तो रमेश खटीक, ओमप्रकाश खटीक, शुभाष जाटव की तो भाजपा में वर्तमान में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता क्योंकि इनमें से दोनों पूर्व विधायक हैं एक करेरा से तो एक कोलारस के हैं। ऐसे में करैरा क्षेत्र में नए प्रत्याशी की तलाश सरर्मी से की जा रही है। सूत्रो की खबर है कि अभी वर्तमान में भोपाल से जो संभावित प्रत्याशियों की सूची जारी की गई है उसमें वर्तमान विधायकों को जगह दी जा रही है लेकिन जिले की करैरा विधानसभा सीट इन हालातों में नहीं है कि यहां से वर्तमान विधायक को ही मैदान में उतारा तो कांग्रेस को छोड़ अन्य दल को इसका लाभ मिलना तय है। कांग्रेस के कर्मठ और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के खासमखास समर्थकों में से किसी एक प्रत्याशी को यहां टिकिट मिलना चाहिए और उन प्रत्याशियों में कई ऐसे चेहरे है जो जनता के बीच पहुंचकर अपनी पकड़ और क्षेत्रीय जनाधार रखते है। सूत्रों के अनुसार लोगों में वर्तमान विधायक के प्रति इतना गुस्सा है कि वह संगठन के प्रति अपनी जिम्मेदार का निर्वहन नहीं कर सकी और सरेआम कांग्रेस की ब्लॉक कार्यकारिणी में से कई पदाधिकारियों को उन्होंने अपनी हठधर्मिता से हटाया है और इसके लिए ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष को भी निर्देशित कर उन पर दबाब बनाया है। सूत्रों की खबर तो यहां तक है कि स्वयं विधायक के पुत्र जो अवैध गोरख धंधों में लिप्त रहकर स्वयं नकल सामग्री और अन्य ऐसे कार्य जो क्षेत्र में एक जनप्रतिनिधि के पुत्र होने के नाते उन्हें नहीं करना चाहिए वह सारे काम उन्होंने किए जिससे क्षेत्र में विधायक की छवि धूमिल हुई जिसे कई बार उन्होंने सार्वजनिक मंचों से भले ही अपने परिवार का समर्थन किया हो बाबजूद इसके पब्लिक में विधायक के कारनामे किसी से छिपे नहीं है।
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