सागर। न्यायालय- श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि विशेष न्यायाधीश/नवम अपर सत्र न्यायाधीष पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने आरोपी अर्पित राजपूत पिता रूप सिंह उम्र 20 वर्ष निवासी सुभाष नगर वार्ड तहसील व जिला सागर का जमानत का आवेदन को निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री राजीव रूसिया सागर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी ने थाना उपस्थित होकर मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी बेटी जिसकी उम्र 16 साल 04 माह है, दिनांक 31.07.2020 के रात करीबन 03ः00 बजे से घर पर नही है। आस-पडोस में तलाष किया नही मिली। कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसला कर भगा ले गया। मुझे शक है कि अर्पित राजपूत जो घर पर नही है उसकी लडकी को भगाकर ले गया। उक्त रिपोर्ट पर से प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान नाबालिग के दस्तयाव होने पर बताया गया कि आरोपी ने उसके साथ गलत काम किया तथा प्रकरण में धारा 376 भादवि एवं 3/4 एवं 5/6 पाॅक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। आरोपी द्वारा जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी अर्पित राजपूत का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
अबैध रूप से शराब बेचने वाले आरोपी की जमानत निरस्त
सागर। न्यायालय- श्रीमान रघुवीर प्रसाद पटेल अपर सत्र न्यायाधीश, देवरी जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी षिवराज पिता सुकई अहिरवार का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी कपिल पांडे देवरी जिला सागर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 2 सितंबर 2020 को थाना देवरी में पदस्थ उप निरीक्षक रामदास टेकम अपने हमराह स्टाफ के साथ कस्वा भ्रमण के लिए गए थे। भ्रमण के दौरान ग्राम कोपरा में मुखविर से सूचना प्राप्त हुई कि भटरिया मोहल्ला का रहने वाला षिब्बू उर्फ षिवराज अहिरवार अपने मकान के पीछे टपरिया में शराब बिक्री हेतु रखे है। उक्त सूचना की तस्दीक हेतु मुखविर के बताये स्थान पर पुलिस ने दविस दी। पुलिस को देख आरोपी भागने लगा। हमराह स्टाफ की मदद से घेराबंदी कर आरोपी को पकडा गया। नाम, पता पूछने पर उसने अपना नाम षिवराज बताया। झोपडी में चेक करने पर 06 पेटी प्रत्येक पेटी में 50 पाव देषी लाल मसाला शराब कुल 54 बल्क लीटर शराब पाई गयी। शराब रखने संबंधी दस्तावेज पूछने पर आरोपी द्वारा लाइसेंस या अन्य दस्तावेज ना होना बताया गया। उक्त आरोपी को गिरिफतार कर उसके विरूद्ध धारा 34(2) आवकारी अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी षिवराज अहिरवार का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त किया गया।
लोहे के पाइप एवं डंडे से मारपीट करने वाले आरोपीगण की जमानत खारिज
सागर। न्यायालय- श्रीमान सिराज अली न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सागर के न्यायालय ने आरोपीगण बलीराम पिता धनीराम यादव उम्र 30 साल एवं देशराज पिता धनीराम यादव उम्र 25 साल, दोनो नि कृष्णानगर थाना मकरोनिया जिला सागर का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है दिनांक 30 जुलाई 2020 को फरियादी जोकि सब्जी बेचता है का बेटा अपने रिश्तेदार को घर छोड़ने जा रहा था जैसे ही वह घर के बाहर निकला तो पड़ोस में रहने वाला देशराज यादव, जमुना बाई यादव एवं बलीराम यादव ने उसे रोक लिया और उसे गंदी गंदी गालियां देने लगे। फरियादी के बेटे ने गाली देने से मना किया तो बलिराम ने उसे लोहे के पाइप से एवं देशराज यादव ने डंडे से मारपीट की जिससे उसके सिर, नाक एवं अन्य अंगों में चोट कारित हुई। बेटे को बचाने फरियादी,उसकी पत्नी एवं उसकी रिश्तेदार आ गई, तो देशराज यादव, जमुना बाई यादव एवं बलीराम यादव ने उनसे भी मारपीट की जिससे उन्हें चोट कारित हुई। आरोपीगण में फरियादी एवं अन्य सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी। फरियादी ने उक्त घटना की रिपोर्ट थाना मकरोनिया में दर्ज कराई गयी। थाना मकरोनिया ने प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। विवेचना के दौरान सीटी स्केन में डाॅक्टर द्वारा अस्थि भंग का लिखे जाने से धारा 326 भादवि का इजाफा किया गया।
आरोपीगण बलिराम यादव एवं देशराज यादव को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। आरोपीगण के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण बलिराम यादव एवं देशराज यादव का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त किया गया।
मंदिर की दानपेटी चोरी करने वाले आरोपीगण की जमानत खारिज
सागर। न्यायालय- श्रीमान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सागर के न्यायालय ने मंदिर की दानपेटी चोरी करने वाले आरोपीगण जय उर्फ अजय पिता स्व. राजेन्द्र सोनी उम्र 19 साल एवं दीपक ठाकुर उर्फ घोडा पिता मोहन सिंह ठाकुर उम्र 21 साल दोनों निवासी मोतीनगर, जिला सागर का जमानत का आवेदन निरस्त करने का आदेष दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी दिनेष सिंह चंदेल ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी महेन्द्र शुक्ला जो कि हनुमान मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर एवं शंकरजी मंदिर के पुजारी है। दिनांक 13.08.2020 को शांम करीब 7-8 बजे शंकरजी के मंदिर की पूजा कर मंदिर बंद कर घर चले गये। दिनांक 14.08.2020 को सुवह 4 बजे मंदिर की लाईट बंद थी एवं मंदिर के सामने रखी दान पेटी के दोनों ताले टूटे थे। दानपेटी में पिछले 01 साल में 6000 रूप्ये आये थे। दान पेटी करीब 17 माह से बंद थी जिसमें करीब 6000 रूप्ये होगे। उक्त घटना की रिपोर्ट थाना मोतीनगर में दर्ज कराई गयी। थाना मोतीनगर ने प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मेें लिया। विवेचना के दौरान आरोपीगण अजय एवं दीपक को गिरिफतार किया गया। उक्त अपराध दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया और बताया कि नीलकंठ मंदिर में घुसकर दानपेटी तोडकर 4230 रूप्ये की चिल्लर चोरी की। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में पेष किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण अजय सोनी एवं दीपक ठाकुर का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
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