सेवा कल्याण संस्कार की दिव्य विरासत है श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया
प्रधानमंत्री ने सम्मान में जारी किया 100 रूपये का सिक्का
भविष्य की खातिर उन्होंने समृद्ध वर्तमान का त्याग किया
युवा पीढ़ी राजमाता की भव्य दिव्य विरासत से जीवन की प्रेरणा ले
-वीरेन्द्र शर्मा-
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित श्रीमंत कै.राजमाता विजयाराजे सिंधिया के 100वें जन्म दिवस एवं जन्म शताब्दी वर्ष के समापन पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 100 रूपये का सिक्का जारी किया गया। वर्चुअल मोड के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजमाता से लोकमाता बनी कै.राजमाता विजयाराजे सिंधिया, अम्मा महाराज की राष्ट्रजन गांव-गली, गरीब, पीडि़त वंचित वर्ग के प्रति नि:स्वार्थ कृतज्ञता को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने भावी पीढ़ी के बेहतर भविष्य की खातिर अपने वैभवपूर्ण वर्तमान को संघर्षपूर्ण जीवन के माध्यम से समर्पित किया है उनके जीवन से मौजूद पीढ़ी को सीख लेना चाहिए। ज्ञात हो कि वैभवपूर्ण विरासत की अकेली उत्तराधिकारी होने के बाबजूद राष्ट्रजन एवं सेवा कल्याण की खातिर उन्होंने संस्कारी कृतज्ञता संघर्षपूर्ण जीवन का निर्वहन किया। जिस तरह से उन्होंने अपने जीवनकाल में विभिन्न जबाबदेहियों के साथ पारिवारिक सामाजिक धार्मिक जीवन में अपनी नि:स्वार्थ निष्ठापूर्ण ममत्व भरी कृतज्ञता को अपने सामर्थ से सिद्ध किया, वह आज की पीढ़ी के लिए अनुकरणीय होना चाहिए। देखा जाए तो सर्वकल्याण का भाव उनके अंदर कूट-कूटकर भरा था जिसकी प्रमाणिकता उन्होंने अपने वैभवपूर्ण जीवन एवं बगैर किसी पद प्रतिष्ठा के सिद्ध की और वह जीवन पर्यन्त मानव धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ती रही। जिस जीवटता एवं सहजता से उन्होंने अपनी सेवा कल्याण और सर्व कल्याण में आस्था का मार्ग तय किया वह आज राष्ट्रजन के सामने है। आज उनकी 100वीं जन्म जयंती थी जिसे संस्कृति मंत्रालय ने आयोजित किया था जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत सरकार के संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल, कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमंत वसुन्धरा राजे, मप्र शासन की मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया एवं उनके कई शुभचिंतक अनुयायी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
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