जनता घोषणाऐं नहीं बल्कि घोषणाऐं कब पूर्ण होंगी, पूछ रही है शिवपुरी। यह मौका राजनीति का नहीं है हम सरकार की पूरी मदद करने को तैयार है हमारे कांग्रेस परिवार के सदस्य इस आपदा के दौर में लगातार आमजन की मदद कर रहे हैं पर स्वाभिक है कि कुछ प्रश्न भी पूछे जाएंगे, घोषणाओं से लोगों को राहत नहीं मिलेगी, ग्वालियर चंबल की अर्थव्यवस्था कृषि पर चलती है, भारी बारिश के कारण फसल, भूमि, राष्ट्रमार्ग, राजमार्ग, पुल, मकान नष्ट हो गए हैं लेकिन सरकार द्वारा सिर्फ घोषणा की जा रही है कि हम मदद करेंगे, बाढ़ में मृतक लोगों के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा, शिवराज ऐसे ही है जहां भी जाते है कोई भी हालात हो वह केवल घोषणाऐं ही करते है जबकि जनता घोषणा नहीं बाढ़ की विपदा से बचाव को लेकर समय सीमा पूछ रही है। उक्त बात कही मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जो स्थानीय हवाईपट्टी पर आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पूर्व सीएम के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा, पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला, गणेश गौतम, अभिजीत भदौरिया, वासित अली, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुश्री इंदु जैन, जिला प्रवक्ता विजय चौकसे सहित अन्य कांग्रेसजन मौजूद रहे।
इसके पूर्व सीएम कमलनाथ हवाई किया और कहा कि टोरिया, आकुर्सी, हरई, बैराड़ जैसे प्राकृतिक आपदा कभी नहीं देखी, मैंने दतिया का भी दौरा किया वहां भी बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। कमलनाथ ने कहा कि हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि जो घोषणाएं की जा रही है वह कब तक पूरी होंगी। आप जनता को कौन सी राहत पहुंचा रहे हैं। आज जो पुल सड़के बर्वाद हुई इनकी मरम्मत कब तक होगी और जो पुल व सड़के बनाई क्या उसके कांट्रेक्टर व एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
कमलनाथ ने कहा कि मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दे दी थी लेकिन सरकार व प्रशासन अलर्ट नहीं हुआ। उन्होंने बांध खोलने के लिए कोई नोटिस जारी नहीं किया जिससे आमजन अलर्ट हो सके। जब बाढ़ आ गई तो अचानक गेट खोल दिए। बांध के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि बांध बनाना कोई गलत बात नहीं है यह सिंचाई के काम में आता है लेकिन इसकी मॉनिटरिंग ठीक ढंग से नहीं किया और मड़ीखेड़ा का डेम नहीं कचरा डेम बनाया है तो खतरा तो होगा। जब पत्रकारों ने सिंधिया से संबंधित सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि वह उनकी प्रतिनिधि बनकर नहीं आए हैं, जनता 2023 का इंतजार कर रही है।
1 comment:
इस बरसात मैं सड़के बहुत खराब हो गई है इन्हें देखकर पुरानी दिग्गी सरकार की याद ताजा हो गई
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