भक्ति हो तो सुदामा जैसी हो : बृजभूषण महाराज
शिवपुरी/कोलारस-कोलारस के समीप ग्राम रिजोदा में चल रही भागवत कथा के दौरान भागवत प्रवक्ता ब्रजभूषण महाराज ने बताया कि अगर मनुष्य भक्ति करें तो सुदामा जैसी करें और त्याग करें तो भी सुदामा जैसा करें क्योंकि सुदामा जी ने भगवान से कभी भी कुछ नहीं मांगा वह तो उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि आप जाइए कृष्ण आपके मित्र हैं तो उनसे कुछ धन लेकर के आ जाइए लेकिन फिर भी सुदामा जी ने कहा मैं दर्शन के लिए जाऊंगा, धन लेने के लिए नहीं जाऊंगा यही त्याग मनुष्य को श्रेष्ठ बनाता है और ऐसे महान पुरुषों की कथा भागवत में गाई जाती है
आचार्य ने कहा मनुष्य त्याग से श्रेष्ठ बनता है स्वार्थी मनुष्य कभी भी श्रेष्ठ नहीं बन सकता और ना ही समाज में उसका सम्मान हो सकता है सुदामा चरित्र हमको सिखाता है कि कभी भी मनुष्य को भगवान के ऊपर से विश्वास नहीं हटाना चाहिए, सुदामा जी को विश्वास था कि समय लौटेगा और हम सुखी होंगे और वही हुआ। श्रीमद् भागवत कथा में सुदामा चरित के माध्यम से व्यासपीठ से महाराज ने कहा कि सुदामा चरित्र सिखाता है कि पैसे वाले हो जाओ मित्र को नहीं भूलना चाहिए, भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी को नहीं भूले एक बात और है कभी भी किसी का भाग्य नहीं खाना चाहिए अगर कोई किसी के भाग्य का खाता है तो उसको पछताना पड़ता है।
सुदामा जी ने चने खाए थे, इसलिए दु:ख भोगना पड़ा। आचार्य जी ने कथा के प्रसंग में संपूर्ण भागवत श्रवण कराई और कथा के अंत में सभी भक्तों ने शुकदेव जी का पूजन किया धूमधाम से कथा का समापन हुआ है। लुकवासा साखनोर पिपरोदा अनंतपुर आदि ग्रामों से भी कथा सुनने भक्तगण पधारे जिन्होंने यहां आकर धर्मलाभ प्राप्त किया।
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