श्रीबड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम पर जारी है श्रीमद् भागवत कथाशिवपुरी-बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम, कत्था मिल पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ परम पूज्य महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 महाराज पुरुषोत्तमदास जी महाराज के पावन सानिध्य में हो चुका है। इस भव्य आयोजन में प्रसिद्ध कथा व्यास, बालयोगी पं वासुदेव नंदिनी भार्गव श्रीमद भागवत कथा का वाचन कर रहीं है, जो अपनी शास्त्रीय संगीत एवं ओजस्वी वाणी के रूप में विख्यात है। कथा के दूसरे व्यास नंदिनी भार्गव ने महाभारत के पांडवों की कथा का श्रवण कराते हुये कहा कि वर्तमान में पांडवों की तरह हम सब भी एक युद्ध भूमि में ही खड़े रहते हैं, अंतर केवल इतना है कि अर्जुन के रथ की रस्सी भगवान के हाथों में है इसलिए वह निश्चिंत हैं, ऐसा नहीं कि भगवान यदि साथ हैं तो जीवन में समस्या ही न आयें किंतु यदि भगवान की शरणागति मैं रहते हैं तो समाधान भी सुनिश्चित है। श्रीराम के साथ होने पर भी लक्ष्मण को शक्ति लग गई किंतु हनुमान जी तुरंत वैध को ले आये और समस्या का हल हो गया। कथा आयोजन में भक्त जन बड़ी श्रद्धा से कथा का रसपान कर रहे हैं।
श्रीबड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम पर जारी है श्रीमद् भागवत कथाशिवपुरी-बड़े हनुमान मंदिर तुलसी आश्रम, कत्था मिल पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ परम पूज्य महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 महाराज पुरुषोत्तमदास जी महाराज के पावन सानिध्य में हो चुका है। इस भव्य आयोजन में प्रसिद्ध कथा व्यास, बालयोगी पं वासुदेव नंदिनी भार्गव श्रीमद भागवत कथा का वाचन कर रहीं है, जो अपनी शास्त्रीय संगीत एवं ओजस्वी वाणी के रूप में विख्यात है। कथा के दूसरे व्यास नंदिनी भार्गव ने महाभारत के पांडवों की कथा का श्रवण कराते हुये कहा कि वर्तमान में पांडवों की तरह हम सब भी एक युद्ध भूमि में ही खड़े रहते हैं, अंतर केवल इतना है कि अर्जुन के रथ की रस्सी भगवान के हाथों में है इसलिए वह निश्चिंत हैं, ऐसा नहीं कि भगवान यदि साथ हैं तो जीवन में समस्या ही न आयें किंतु यदि भगवान की शरणागति मैं रहते हैं तो समाधान भी सुनिश्चित है। श्रीराम के साथ होने पर भी लक्ष्मण को शक्ति लग गई किंतु हनुमान जी तुरंत वैध को ले आये और समस्या का हल हो गया। कथा आयोजन में भक्त जन बड़ी श्रद्धा से कथा का रसपान कर रहे हैं।
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