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Shishukunj

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Friday, January 5, 2024

स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच किया गया जागरूकता संवाद कार्यक्रम का आयोजन


बताया मां और बच्चे दोनों की पौषक जरूरतों को पूरा करने वाला आहार दें

शिवपुरी। नवजात शिशु की पहली खुराक मां का दूध होती है और मां के दूध से ही सारे जरूरी पौषक तत्व उसे मिलते हैं। ऐसे में जरूरी है कि स्तनपान कराने वाली मांओं की खुराक बेहद ही पौष्टिक हो जो मां और बच्चे दोनों की पौषक जरूरतों को पूरा कर सकें। ये कहना था शक्ती शाली महिला संगठन द्वारा ग्राम जमोनिया के मजरे में स्तनपान कराने वाली माताओं के साथ जागरूकता संवाद कार्यक्रम में पोषण आहार सलाहकार रवि गोयल ने कहा साथ ही उन्होंने कहा की नवजात शिशु को पोषण देने के लिए पहला कदम ब्रेस्ट फीडिंग यानी स्तनपान होता है।

मां के दूध में वे सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बच्चे की ग्रोथ और उसके विकास के लिए जरूरी होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन  के मुताबिक 6 माह की आयु तक बच्चों को पूरी तरह से स्तनपान कराना चाहिए और उसके बाद 2 साल और उसके बाद बाहर के दूध के साथ स्तनपान को जारी रखना चाहिए। चूंकि 6 महीने तक बच्चे की खुराक पूरी तरह से ब्रेस्ट फीडिंग पर निर्भर होती है, इसलिए मांओं को अपने आहार को लेकर सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इसका सीधा असर दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर पड़ता है।

दूध पिलाने वाली माताओं को सामान्य महिलाओं की तुलना में 600 अतिरिक्त कैलरी अपनी खुराक में शामिल करनी चाहिए। अतिरिक्त कैलरी की यह जरूरत संतुलित आहार से पूरी होनी चाहिए जिसमें विटमिन, मिनरल, प्रोटीन, कॉर्बोहाइड्रेट, फैट्स और पानी शामिल हों। बच्चे को मां के दूध की पर्याप्त मात्रा मिलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में ग्रहण किए जाएं। प्रोग्राम में एक सैकड़ा महिलाओ के साथ शक्ती शाली महिला संगठन की टीम ने भाग लिया।

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