---------------------------------News Website By 𝐑𝐚𝐣𝐮 𝐘𝐚𝐝𝐚𝐯--------------------------------

𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Shishukunj

Shishukunj

Sunday, February 25, 2024

सागर/ नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड


सागर ।
नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले  अभियुक्त अमृत कुचबंदिया को भादवि की धारा- 376(3) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पाॅच हजार रूपये अर्थदण्ड एवं पाॅक्सों एक्ट की धारा-5(के)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया ।  उक्त प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 4,00,000/-(चार लाख रूपये) दिये जाने का आदेष दिया गया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की माॅ ने दिनांक 21.07.2022 को थाना मोतीनगऱ में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनाॅक 21.07.2022 को दोपहर के समय उसने पीड़िता को सब्जी बनाने के लिये सेव लेने भेजा था जो काफी देर तक वापस नहीं आई तो वह उसे देखने के लिये गई जो आस-पास कहीं नहीं मिली। उसने बालिका के बारे में आस-पड़ोस में पूछा तो लोगों ने बताया कि थोड़ी देर पहले एक लड़का, बालिका को मोटर साइकिल पर बैठाकर ले गया है। बालिका की तलाष करते-करते एक लड़का बालिका का हाथ पकड़े दिखा पूछने पर अभियुक्त ने अपना नाम अमृत कुचबंदिया बताया एवं  बालिका से पूछने पर अभियुक्त अमृत कुचबंदिया द्वारा उसके साथ गंदी हरकत करना बताया।  उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, 

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा धारा-366,376, 376(2)(एन) भा.दं.सं. , धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।
 

No comments:

Post a Comment