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Saturday, February 3, 2024

जब जब धरती पर धर्म की हानि होती है तब तब भगवान अवतरित होते है : कथा व्यास जुगल किशोर जी महाराज



गांधी पार्क मैदान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उत्साह से मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

शिवपुरी। शिवपुरी में पचौरी परिवार द्धारा स्थानीय गांधी पार्क में चल रही श्रीमद भागवत कथा में 52 भगवान के जन्म की कथा और उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण जी के जन्म की कथा का वर्णन किया गया। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनकर पूरा पाण्डाल भक्ति के रंग में दिखने को मिला। चारों और एक ही जय कारा गूंज रहा था नंद के आनंद भयों जय कन्हैया लाल की।

कथा का वर्णन करते हुए कथा व्यास जुगल किशोर जी महाराज श्रीधाम वृद्धावन बालों ने सबसे पहले 52 भगवान की कथा का वर्णन किया। उसके बाद इस पाण्डाल में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया गया। पाण्डाल में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। भगवान के जन्म की खुशी पर महिलाओं द्वारा अपने घरों से लगाए गए गुड़ के लड्डूओं से भगवान को भोग लगाया गया।

इस दौरान कथा व्यास जुगल किशोर महाराज ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। आज गांधी पार्क में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पांचवें दिन की कथा का वर्णन यहां किया गया। 

कथा व्यास जुगल किशोर महाराज जी ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।

इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं का वर्णन किया। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। यहां बता दे कि यह आयोजन ममता वीरेन्द्र पचौरी और उनके परिवार द्धारा किया जा रहा है। इसका भण्डारा 6 फरवरी को किया जाएगा।

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