सर्वाइकल कैंसर जागरूकता कार्यक्रम डॉ उमा जैन क्लीनिक पर आयोजित, एक सैकड़ा से अधिक लोगों को किया जागरूक
शिवपुरी -सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी पर जागरूकता के उद्देश्य से शक्ति शाली महिला संगठन शिवपुरी द्वारा डॉ. उमा जैन क्लिनिक एवंअरिहंत पैथोलॉजी लेब एवं अल्ट्रासाउंड के संयुक्त सहयोग से एक विशेष जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जो कि अपने आस पास के अन्य लोगों को भी कैंसर टीके के बारे में जागरूक करेंगे।
मुख्य वक्ता और विशेषज्ञ डॉ. उमा जैन, जो कि वरिष्ठ गायनेकोलॉजिस्ट, सर्जन एवं सर्वाइकल कैंसर की विशेषज्ञ हैं, ने इस अवसर पर एक शिक्षाप्रद पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया:
सर्वाइकल कैंसर कैसे होता है
इसके लक्षण (जैसे अनियमित रक्तस्राव, शारीरिक कमजोरी आदि) उन्होंने बताया कि गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) के प्रमुख लक्षणों में बदबूदार सफेद पानी आना, रक्त मिश्रित गाढ़ा पानी आना, अनियमित मासिक धर्म, सहवास के दौरान रक्त स्त्राव, रजोनिवृत्ति के बाद रक्त स्त्राव, कमर व पीठ में दर्द, थकान, कमजोरी, भूख न लगना आदि लक्षण शामिल हैं। इस बीमारी की पहचान समय पर हो जाए तो इसका इलाज संभव है। महिलाओं को 21 से 26 वर्ष की उम्र में एच.पी.वी. डीएनए टेस्ट करवाना चाहिए एवं एच.पी.वी. के दो टीकों के माध्यम से इस कैंसर से पूर्णतः बचाव किया जा सकता है।
बचाव के उपाय — विशेष रूप से HPV वैक्सीन का महत्व, जिसकी अनुशंसा 9 से 14 वर्ष की बालिकाओं के लिए की जाती है उन्होंने प्रारंभिक जाँच की विधियाँ बताई एवं नियमित स्क्रीनिंग से समय रहते पहचान और इलाज संभव है
डॉ. जैन ने प्रतिभागी महिलाओं और पुरुषों के प्रश्नों का वैज्ञानिक और संवेदनशील ढंग से उत्तर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पुरुषों की भागीदारी और समर्थन भी इस कैंसर की रोकथाम में अहम भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम में डॉ. दिलीप जैन, वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट एवं सोनोलॉजिस्ट ने भी अपने अनुभव साझा किए और पुरुषों से अपील की कि वे अपनी बेटियों को HPV वैक्सीन लगवाएं एवं समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाएं।
इस दिशा में जो समाज के लोग सक्षम है किशोरियों में टीके लगवाने में आगे आए। शक्ति शाली महिला संगठन की टीम से रवि गोयल ने डॉ. उमा जैन मैम के सहयोग और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि डॉ. उमा जैन जैसी विशेषज्ञ जब समाज के बीच आकर सीधे संवाद करती हैं, तब जागरूकता केवल ज्ञान नहीं, बल्कि जीवनरक्षक बन जाती है।" यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) नामक वायरस के कारण होता है जो स्किन कॉन्टैक्ट एवं यौन संबंधों के माध्यम से फैलता है। इस बारे में जागरूकता लाकर हम कैंसर से हमारी बहन बेटियों को बचा सकते है।
प्रोग्राम में प्रतिभागी श्रीमती सरला शाक्य बड़ौदी ने मेरी 12 साल की बेटी है उसको।सफेद पानी एवं बदबू आती है का प्रश्न किया जिसका डॉ उमा जैन ने उत्तर दिया कि अपनी बेटी की तत्काल जांच कराए एवं उनको एच पी वी वैक्सीन लगवाए एवं अपनी बेटी से इस बारे में बात जरूर करे उसको।आज हमने आपको जो जानकारी दी वो बताए। प्रोग्राम में उमा जैन क्लीनिक की श्रीमती शिवांगी एवं उनकी पूरी टीम ने सक्रिय सहयोग किया
इस अवसर शक्ति शाली महिला संगठन की टीम से नर्मदा शाक्य एवं धर्म करण ने अपना सहयोग प्रदान किया। अंत में नर्मदा शाक्य द्वारा ने डॉ. उमा जैन एवं अरिहंत पैथोलॉजी एवं अल्ट्रा सोनोग्राफी सेंटर का हार्दिक धन्यवाद किया और सरवाइकल कैंसर जागरूकता अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी के लिए टीम की। प्रशंसा की।
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