कुल छ: चरणों में 2188 प्रधानाध्यापकों ने सीखे लीडरशिप के गुरशिवपुरी-विद्यार्थी के जीवन में केवल शिक्षा ग्रहण करना ही उद्देश्य नहीं होना चाहिए वरन पढ़ाई के साथ-साथ उनमें नैतिक और चरित्र विकास के गुण विकसित करना चाहिए। क्योंकि विद्यार्थी जीवन में यदि उसका समग्र विकास हो गया हो तो वह जिंदगी भर के लिए बेहतर छात्र के साथ देश का बेहतर नागरिक बन सकता है यह बात डाइट प्राचार्य एम यू शरीफ ने पांच दिवसीय प्रधानाध्यापकों के लीडरशिप प्रशिक्षण के समापन अवसर पर कही। प्रशिक्षण के दौरान राज्य शिक्षा केंद्र से शिवपुरी जिले के ओआईसी एस के वशिष्ठ ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों में शिक्षा के साथ-साथ जीवन के बुनियादी कौशल जैसे सहयोग ईमानदारी निष्ठा आदि के गुणों को समावेश करें। जिला परियोजना सुमन्वयक दफेदार सिंह सिकरवार ने कहा कि यदि शिक्षक अपने उत्तरदायित्वों के प्रति ईमानदारी व निष्ठावान होकर कार्य करें तो समाज की अनेकों विकृतियां स्वत: समाप्त हो जाएंगी।
प्रशिक्षण प्रभारी रोहिणी अवस्थी ने बताया कि स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत 15 अप्रैल से 23 मई तक कुल छह चरणों में 2188 प्रधानाध्यापकों के 39 बैच बनाकर उक्त प्रशिक्षण संपन्न कराया गया। प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहे प्रधानाध्यापकों के नाम राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजे जा रहे हैं। समापन अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से रमसा के एडीपीसी राजा बाबू आर्य विशेष रूप से उपस्थित होकर प्रमाण पत्र वितरण में शामिल हुए। इस दौरान डाइट के वरिष्ठ व्याख्याता जितेंद्र गुप्ता, श्रीमती निधि मुले, अनिल चौबे, राजेश श्रीवास्तव,श्रीमती सुचिता लकड़ा, प्रशांत गुप्ता, मधुर मिलन भार्गव, बबलू आदिवासी सहित मास्टर ट्रेनर महावीर मुदगल, गोपाल जैमिनी, दिनेश गुप्ता, निर्मल जैन, नीरज मिश्रा, मनीष जैन, संजय श्रीवास्तव ,रमेश कुशवाह, राम लखन राठौर, उर्वशी शर्मा, युसूफ खान, अंजना दंडोतिया,उर्वशी शर्मा, विजय कबीर, सुरेंद्र वडैरिया, परवीन कुरैशीआदि के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
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