डीन ने श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय का किया निरीक्षणशिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के अधिष्ठाता डॉ डी. परमहंस द्वारा रविवार को चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधिष्ठाता डॉ डी. परमहंस द्वारा एम आई सीयू सहित सर्जरी वार्ड में भर्ती मरीजों का उपचार किया। इसके साथ ही मेडिसिन, पीडियाट्रिक, ऑर्थोपेडिक, नाक कान गला, सर्जरी,मेडिसिन वार्ड सहित आकस्मिक चिकित्सा इकाई का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश देते कहा कि हर दिन संडे हर दिन मंडे अपने कार्य के प्रति दृढ़ संकल्प और मज़बूत इच्छा शक्ति होना बहुत आवश्यक है साथ यह भी कहा वे निरंतर चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण करते रहते हैं। जिससे अस्पताल की कार्य स्थितियों को बेहतर बनाया जा सके। मरीज के प्रति चिकित्सक सहित स्टाफ का शालीन व्यवहार होना अति आवश्यक है, मरीजों के ईलाज में कोई कमी नहीं रहना चाहिए इस बात पर विशेष जोर दिया। निरीक्षण के दौरान सहा. पीआरओ राहुल अष्ठाना सहित चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
निरीक्षण कर रहे अधिष्ठाता डॉ डी. परमहंस को एम आई सीयू में एक मरीज के परिजन ने अपनी मां ड्रेसिंग लेट होने की बात कही जिस पर अधिष्ठाता ने तत्काल स्टाफ से मास्क ग्लब्स मांगे और भर्ती श्री मति चौकसे की उपचार के साथ-साथ ड्रेसिंग की और अधिष्ठाता डॉ डी. परमहंस ने स्टाफ से कहा कि जब हम किसी उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, तो कई बार हम असफलताओं और चुनौतियों का सामना करते हैं। इस समय, इच्छाशक्ति एक प्रेरक तत्व के रूप में कार्य करती है। यह हमें आत्म-विश्वास प्रदान करती है और हमें प्रोत्साहित करती है कि हम कठिनाइयों को सामना कर सकें। इच्छाशक्ति की पहचान करने के लिए, हमें अपनी दिनचर्या में उन क्षणों की पहचान करनी चाहिए जब हमें अपना मन बनाने की आवश्यकता होती है। यह पल आवश्यक रूप से कठिनाइयों का सामना करना या लक्ष्य की ओर बढऩा होता है। हमें काम करने के लिए संडे या मंडे देखने की जरूरत नहीं होनी चाहिए बस अपने कार्य के प्रति दृढ़ संकल्प और मज़बूत इच्छा शक्ति होना बहुत आवश्यक है।
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