चचेरे भाई ने ही 25 लाख रूपए में दी थी सुपारी, चार सुपारी किलर सहित भाई गिरफ्तारशिवपुरी। शहर के फू्रट विक्रेता कपिल जूस भण्डार के संचालक कपिल मिनोचा पर हुए जानलेवा हमले को लेकर देहात थाना पुलिस ने घटना के 72 घंटे के अंदर ही चार सुपारी किलर और उनके चचेरे भाई गणेश मिनोचा को गिरफ्तार किया है। यह हमला कपिल मिनोचा के ही चचेरे भाई गणेश मिनोचा ने संपत्ति विवाद के चलते कराया और कपिल को मारने के लिए 25 लाख रूपए की सुपारी किलर को दी गई थी। जिसका एडवांस के रूप में 50 हजार रूपए सुपारी किलरों को दिया गया था, लेकिन हमलावर कपिल की हत्या करने में असफल रहे और पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इस मामले में देहात थाना प्रभारी रत्नेश यादव की महती भूमिका रही जिन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में इस घटना को अंजाम देने वाले मामले का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस कन्ट्रोल रूम में आयोजित पत्रकारवार्ता में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव मुले ने मामले का पटाक्षेप करते हुए पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि 17 जुलाई को रात करीब साढे 9 बजे पतंजलि बाली गली में दो अज्ञात व्यक्ति जो मास्क लाए हुए थे उन्होंने कपिल जूस भण्डार के संचालक कपिल पुत्र संतराम मिनोचा पर जान से मारने की नियत से चाकू से हमला कर दिया था। लेकिन आरोपी लोगों के आ जाने से कपिल की हत्या नहीं कर सके और वहां से भाग गए। इस हमले में कपिल की गर्दन में चाकू फंस गया था। जिसे परिवारजन अस्पताल लेकर पहुंचे और सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इस दौरान कई सीसीटीव्ही कैमरों को खंगाला गया और अपने मुखबिर सक्रिय किए। सीसीटीव्ही फुटेज में दो संदेही दिखे जिनकी पहचान अरवाज खांन, आशिफ के रूप में हुई। जिनकी घेराबंदी की तो आशिफ को पकड़ लिया जो अपनी मोटर साईकिल से फरार होने की फिराक में था। पुलिस ने पकड़े गए संदेही आशिफ से शक्ति से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म स्वीकार किया और बताया कि कपिल मिनोचा के चचेरे भाई गणेश मिनोचा ने ही 25 लाख रूपए देने की बात कहकर कपिल को मारने के लिए कहा था। जिस पर आशिक ने अरवाज खांन, दानिश खांन और छुन्ना के साथ मिलकर घटना वाले दिन कपिल पर जानलेवा हमला कर दिया। लेकिन हमलावर सफल नहीं हो सके।
संपत्ति विवाद के चलते चचेरा भाई रखता था रंजिश, इसलिए जान से मारने की बनाई योजना
पुलिस ने आरोपी आशिफ से मिली जानकारी के बाद गणेश को पकड़ लिया और उससे पूछताछ की तो उसने पुलिस को बताया कि कपिल उसका कजिन भाई हैं। उसकी शामिलात में वह माधव चौक चौराहे पर जूस की दुकान संचालित करता था। दुकान से होने वाले मुनाफे को कपिल अपने पास रख लेता था और पूरे परिवार को गुमराह करता था। दुकान से होने वाले मुनाफे से कपिल ने मथुरा सहित शिवपुरी की अब्दुल कलाम कॉलोनी, कस्टम गेट पर प्रोपट्री खरीद ली। यहां तक की कोलारस में तार्ई के नाम से जो प्रोपट्री थी उसे गुमराह करके कपिल ने अपने नाम करा ली और कपिल की पत्नि पूजा मेरी माँ को अक्सर गालियां देती थी। लड़ाई झगड़ा करती थी। जिससे गणेश काफी नाराज चल रहा था। इसी नाराजगी के चलते उसने कपिल को जानसे मारने की योजना बनाई।
पांच आरोपियों ने मिलकर 25 लाख रूपये में मारने का लिया था एडवांस
पुलिस ने पत्रकारवार्ता में बताया कि गणेश और कपिल के बीच चल रहे विवाद से गणेश काफी परेशान था और वह अक्सर जैन दूध डेयरी के पास स्थित चाय की दुकान पर सिगरेट पीने जाता था वहीं पर गणेश की मुलाकात आशिफ से हुई और दोनों के बीच दोस्ती बढ़ गई। इसी दौरान गणेश ने कपिल को मारने की बात आशिफ से कहीं जिस पर आशिफ ने गणेश को अरवाज से मिलवाया जहां आशिफ और अरवाज ने गणेश की मुलाकात दानिश और छुन्ना से कराई और पांचों आरोपी महाराणा प्रताप वाले टेंट हाउस के गोदाम में पहुंचे और जहां पांचों ने मिलकर काम को अंजाम देने की योजना बनाई और यहीं पर आशिफ और अरवाज ने गणेश से कपिल को मारने के लिए 25 लाख रूपए की डिमांड की और गणेश से चारों की डील हो गई और एडवांस के रूप में गणेश ने उन्हें 50 हजार रूपए दिए, जबकि शेष राशि काम होने के बाद देना तय हुआ।
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