जल मंदिर मैरिज परिसरमें एकल अभियान एवं श्रीहरि कथा सत्संग के तत्वाधान में आयोजित श्रीराम कथा का समापन आजशिवपुरी-जिस अन्न से की उत्पत्ति होकर मानव प्राणी का जीवन यापन चलकर पेट भरे वह प्रकृति, जब भरपेट भोजन हो जाए और किसी के यहां बुलावे पर जाए और भोजन के ऊपर भोजन करें तो यह विकृति जिससे स्वस्थ शरीर बिगड़ सकता है और हमें संस्कृति और संस्कारों से जो आभास कराए वह श्रीराम कथा जो हमें भारतीय संस्कृति और संस्कारों के प्रति त्याग, सेवा और समर्पण का भाव सिखाती है, इसलिए श्रीराम कथा ही नहीं बल्कि जब भी कोई कथा श्रवण करो तो उस कथा को आत्मसात जरूर करें, कथा से जीवन जीना सीखें और अपने आचरण में कथा के विभिन्न वृतान्तों का श्रवण कर अच्छे आचरण का प्रतीक बने। प्रकृति और संस्कृति के माध्यम से श्रीराम कथा का यह मार्ग प्रशस्त किया वनवासी कथाकार सुश्री संगीता किशोरी जी ने स्थानीय जल मंदिर मैरिज हाउस में एकल अभियान एवं श्री हरि कथा समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित श्रीराम कथा के 6वें दिवस की कथा श्रवण करा रही थी। इस अवसर पर नगर के गणमान्य नागरिकों ने कथा में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित किया। कथा के छठे दिन गुना से पधारे भाग सचिव मदन सोनी और एकल अंचल सचिव विकास जैन नखराली ने कथा व्यास की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया।
कथा में श्रीराम विवाह के पश्चात वन गमन और अन्य प्रसंगों के माध्यम से मानव प्राणी को जीवन जीने की सीख दी गई। इसके साथ ही कथा में संगीत की सुमधुर लहरों के बीच महिला-पुरूषों ने नाचते-गाते हुए प्रभु भक्ति की और श्रीराम- जय राम-जय-जय राम के जयघोष कथा प्रांण में गुंजायमान रहे।
इस अवसर पर एकल भाग अध्यक्ष राजेंद्र जैन, संभाग उपाध्यक्ष ज्योति मजेजी, हरि कथा संभाग उपाध्यक्ष देवेंद्र मजेजी, मथुरा प्रसाद गुप्ता, मनीष जैन, सुनील उपाध्याय, विष्णु मंगल और सौरभ अग्रवाल लकी जल मंदिर मैरिज हाउस सहित एकल समिति के कई सदस्य मौजूद रहे। कथा का विश्राम आज 20 अगस्त बुधवार को किया जाएगा जिसमें हवन-पुर्णाहुति एवं प्रसाद वितरण के साथ श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा प्रसंग से अवगत कराया जाएगा साथ ही आग्रह किया जाएगा कि एकल अभियान के प्रकल्पों में भी श्रद्धालुजन सहयोग प्रदान कर सहरिया वनवासियों के उत्थान में अपना अभिन्न योगदान दें। संचालन राजेश गोयल रजत ने किया जिन्होंने एकल अभियान के द्वारा संचालित सेवा गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदाय की।
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