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Saturday, September 22, 2018

ओशो के अनुसार उगते सूरज की भांति चमके ओशो प्रेमी : शशिकांत सदैव

सूफी ध्यान, कुण्डली ध्यान और अन्य क्रियाऐं कर आज मनाया जाएगा ओशो उत्सव


-:रविन्द्र गोयल:-

शिवपुरी- ओशो को जो भी अपने जीवन में मानता और धारण करता है वह ओशो स्वामी निश्चित रूप से ऊगते सूरज की भांति चमकता है इसलिए जब भी ध्यान करें तो सारे संसार को छोड़कर ध्यान करें, सूफी ध्यान, कुण्डलीनि ध्यान और अन्य जो भी क्रियाऐं वह सब हमें उस परमेश्वर से मिलाते है जहां ध्यान में मग्र संसारी प्राणी सबकुछ भूलकर अपने आप में खो जाता है इसे ही सही अर्थों में ध्यान कहना कहा जाता है। उक्त विचार प्रकट किए ओशो मित्र मण्डल शिवपुरी द्वारा आयोजित जोरवा द बुद्ध शिविर कार्यक्रम में शिविर संचालक शशिकांत सदैव ने जो स्थानीय सेलीब्रेशन मैरिज विवाह घर में ओशो संदेश को अपने वक्तव्यों के माध्यम से ओशोप्रेमियों को आनंदित कर रहे थे और उन्हें ध्यान की विभिन्न विधियों के बारे में बता रहे थे। इस दौरान कई ओशो स्वामियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी शिविर संचालक शशिकांत सदैव द्वारा किया गया। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर बताया कि जो भी ओशो के शिविर में पहुंचता है वह अपने जीवन को आनंद के साथ जीता है और जीवन जीने की कला को भी ओशो ने कई तरह के माध्यमों से बताया है, आवश्यकता नहीं की काम करो और ध्यान ना हो बल्कि ध्यान तो हर जगह है अपने जीवन को 24 घंटों में से महज 1 घंटा ईश्वर के लिए निकालो और ध्यान करो, फिर देखो किस प्रकार से मनुष्य का जीवन और उसकी दिनचर्या बदलती है निश्चित रूप से आप सभी के जीवन में बदलाव आएगा। शिविर में ओशो परिवार के स्बामी प्रेम प्रकाश(प्रकाश सिलोरिया), स्बामी निखिल आनंद(गोपाल जी स्बर संगम), स्बामी ध्यान निद्रोष(रवींद्र गोयल), स्बामी चिदानंद(सुधीर सिघल), स्बामी कृष्ण आनंद(भूपेन्द्र विकल), स्बामी आनंद ज्ञान(नीरज गर्ग), स्बामी हरिओम अग्रवाल, स्बामी बृजेश गुप्ता, मीडिया प्रभारी राजू यादव इत्यादि ओशो प्रेमीओ ने संयुक्त रूप से बताया कि उपरोक्त शिविर मे सम्पूर्ण म.प्र.के ओशो प्रेमी के अलावा उ.प्र., राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल, उतराखंड के भी ओशो संयासी, माँ, प्रेमी हिस्सेदारी निभा रहे है। 


कवि गोष्ठी के द्वारा किया गया ओशो को याद


ओशो परिवार द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 24 वा ओशो ध्यान  साधना शिविर जोरवा दी बुद्धा के प्रथम दिवस 21 सितंबर को ओशो प्रेमियों ने संचालक शशिकांत सदैव के मार्गदर्शन में ओशो की अनेक विधियों के माध्यम से नृत्य ध्यान साधना में लीन होकर ओशो प्रेमी झूमे नाचे और आनंद से विभोर हुये। इसी क्रम में बीती रात्रि 11:30 तक बहुत ही सुंदर कवि गोष्ठी का आयोजन कर ओशो को यादव किया गया। इस कवि गोष्ठी में शिविर संचालक स्वामी शशिकांत सदैव, डॉ महेंद्र अग्रवाल, डॉ.एच.पी.जैन,अरुण अपेक्षित, जुगल किशोर चौबे, अभिषेक जैन, भूपेंद्र विकल, प्रांशुल शर्मा, प्रिया मीणा, रिया माथुर सहित 18 कवियों ने अपनी सुंदर रचनाओं का पाठ किया। 


आज मनाया जाएगा नव सन्यास महोत्सव


ओशो शिविर के समापन अवसर पर आज ओशो सन्यास शिविर मनाया जाएगा। जिसमें नव सन्यासियों को शिविर संचालक शशिकांत सदैव द्वारा सन्यास दिलाया जाएगा। इस दौरान उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल, उत्तराखण्ड सहित दूर-दराज से आए ओशो प्रेमियों को सन्यास दीक्षा दिलाई जाएगी। कार्यक्रम के समापन अवसर पर ओशो मित्र अपने गतंव्य की ओर रवाना होंगें। 


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