पोहरी और करैरा ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के लिए अशोक सिंह की भूमिका, जबकि शिवपुरी, कोलारस और पिछोर में गुना-शिवपुरी सांसद का होगा प्रत्याशी चयन में अंतिम निर्णय
चुनाव विशेष खबर
-:राकेश शर्मा:-
शिवपुरी- विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ग्वालिर चंबल संभाग के सभी 35 विधानसभा क्षेत्रों में टिकिट वितरण को लेकर कांग्रेस हाईकमान ने जो पॉलिसी फिलहाल तय की है उसके मुताबिक वर्तमान सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों पर अंतिम मुहर लगाऐंगें, जहां तक कांग्रेस के सांसद नहीं है तो पिछले लोकसभा चुनाव में सांसद का चुनाव हारे प्रत्याशी की रायशुमारी महत्वपूर्ण होगी। इस पॉलिसी के मद्देनजर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभाओं में कंाग्रेस प्रत्याशी जो तय होंगें उसमें करैरा और पोहरी विधानसभा के लिए ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के पिछले लोकसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी अशोक सिंह यादव की रायशुमारी को तवज्जो मिल सकती है वहीं गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में शिवपुरी जिले की कोलारस, पिछोर और शिवपुरी विधानसभाओं के मामले में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अंतिम निर्णय करेंगें।
मप्र की सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों को लेकर एक बड़ी रणनीति पर काम किया जा रहा है। पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा ने अनौपचारिक चर्चा में जानकारी देते हुए संवाददाता राकेश शर्मा को बताया कि लगभग 100 से 130 विधानसभाऐं ऐसी है जिनमें प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस हाईकमान बहुत बारीक तरीके से कार्यकर्ताओं की रायशुमारी के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की सर्वे रिपोर्ट को अहमियत दे सकता है। उन्होंने कहा कि जहां तक शिवपुरी की पांचों विधानसभाओं का सवाल है तो इसमें पोहरी और करैरा दोनों विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते है और इनके प्रत्याशी चयन को लेकर अंतिम फैसला पिछले लोकसभा चुनाव में पराजित कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह की राय अनुसार तय हो सकता है। जहां तक गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र का सवाल है तो शिवपुरी में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से कोलारस विधानसभा के प्रत्याशी के मामले में निर्णय अंतिम होगा, शेष शिवपुरी और पिछोर को लेकर पार्टी हाईकमान अपने पास निर्णय सुरक्षित रख सकती है क्योंकि पिछोर में केपी सिंह सन् 1993 से विधायक हैं तो उनकी ही उम्मीदवार पर मोहर लगेगी और शिवपुरी विधानसभा की बात करें तो यहां सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ वर्तमान विधायक यशोधरा राजे सिंधिया का चुनाव लडऩा तय है इसलिए सांसद इस टिकिट को स्वयं फायनल नहीं करेंगें और प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के साथ दिग्विजय सिंह शिवपुरी विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी चयन को अंतिम रूप दे सकते है। इस प्रकार कुल मिलाकर शिवपुरी जिले की पांच विधानसभाओंं में से एक विधानसभा कोलारस ही एक ऐसी होगी जिसमें सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कोटे से टिकिट फायनल माना जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि जहां तक शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभाओं का सवाल है तो वर्तमान में तीन विधायक करैरा से शकुन्तला खटीक, पिछोर से केपी सिंह और कोलारस से उप चुनाव में जीते महेन्द्र यादव को मिलाकर कांग्रेस का दबदबा बना है। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया को लगभग अपना प्रत्याशी घोषित मान चुकी है और उनके चुनाव प्रचार से यहां भाजपा के वातावरण को शहरी क्षेत्र में मजबूत करने का काम होगा। क्योंकि यशोधरा राजे सिंधिया भी पिछले विधानसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र से बुरी तरह पराजित हुई थी। उनके खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशियों की जो दावेदारी है उसमें सूत्रों के मुताबिक सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व विधायक गणेश गौतम, पूर्व शहर कांगे्रस अध्यक्ष राकेश सांवलदास गुप्ता और वर्तमान शहर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ लढ़ा के नामों की अनुशंसा की है इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री हरवीर सिंह रघुवंशी भी अपना सिंधिया कोटे से भाग्य आजमाना चाहते है। नए दावेदारों में नवांगतुक सिंधिया समर्थकों की सूची में पीएस रेडीसेंसी के मालिक पवन जैन भी भारी मशक्कत कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर कर रहे है। पूर्व नपाध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह के भाई अजयप्रताप सिंह ने भी शिवपुरी से यशोधरा के खिलाफ चुनाव लडऩे का मन बनाया है। कर्मचारी नेता चन्द्रशेखर शर्मा बाबूजी और पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र मिश्रा ने भी प्रेम स्वीट्स के मालिक राजू जैन को उम्मीदवारी के लिए बनाकर खड़ा कर दिया है। राजू जैन सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में पिछले माह मुलाकात कर चुके है, जहां सिंधिया ने उन्हें कांग्रेस का वातावरण बनाने के लिए एक कार्यक्रम करने के निर्देश दिए थे। जिसके अनुसार राजू जैन लगभग पांच हजार कार्यकर्ताओं का सहभोज सिंधिया के आगामी संभावित दौरे 22 सितम्बर को दे सकते है फिलहाल सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सूत्रों के मुताबिक उल्लेखित जिन तीन नामों की पैरवी की है उसमें सबसे फ्रेस प्रत्याशी के तौर पर सिद्धार्थ लढ़ा को माना जा सकता है लेकिन यहां यह भी बिल्कुल तय बात है कि सांसद सिंधिया के द्वारा दिए गए तीनों नामों में से कोई भी ऐसा ताकतवर नाम नहीं है जो वर्तमान विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के सामने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव का दम भर सके। राकेश गुप्ता जमीन के कारोबारी है और उनके परिवार के तमाम लोग तमाम तरह के व्यावसाय शिवपुरी में करते है इसलिए उनका चुनाव के दौरान दबाब में आना मुनासिब जान पड़ता है और पूर्व विधायक गणेश गौतम की बात करें तो 2003 के विधानसभा चुनावोंं में उन्होंने अंतिम चरण में चुनाव की रणनीति को बदलते हुए जो कार्यवाही की थी उससे उनकी हार 25 हजार में बदल गई थी जिसने उनके दमखम को सार्वजनिक कर दिया था। सिद्धार्थ लढ़ा चुनाव को यशोधरा राजे सिंधिया के सामने कितनी ताकत से लड़ेंगें यह तो समय ही तय करेगा लेकिन फिलहाल उनकी सक्रियता से यशोधरा राजे सिंधिया के समर्थकों में कोई चुनौती बनकर राजे के सामने दिखाई नहीं दे रही है। यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि शिवपुरी विधानसभा को लेकर यदि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने कोई निर्णय अंतिम तौर पर लिया तो शिवपुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका पिछोर विधायक केपी सिंह की बन सकती है।
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