पोहरी विधानसभा में जातिवाद को नकार सकती है जनता, कांग्रेस से पारम सिंह और भाजपा से कैलाश कुशवाह की चर्चाऐं
शिवपुरी- बार-बार जातिवाद के नाम पर पोहरी विधानसभा क्षेत्र को जातिगत समीकरणों में बदलने का भरसक प्रयास कुछेक राजनीतिक लोगों ने किया है इसका परिणाम भी देखने को मिला है जिसमें ब्राह्मणवाद और जातिवाद को नकारते हुए प्रत्याशियों को निराशा हाथ लगी है। इस बार के विधानसभा चुनाव में कुछ नया पोहरी विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल सकता है यहां जातिवाद को दूर-दूर तक हवौ भले ही बनाया जा रहा है बाबजूद इसके यहां नए चेहरों की आमद और उनकी आवाजाही लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी से दो बार के विधायक प्रहलाद भारती की जनता के बीच नाराजगी और समाज में उनकी अस्वीकार्यता की चर्चाऐं भी चल रही है तो वहीं दूसरी ओर अब भाजपा से नए चेहरे और जाति के रूप में कैलाश कुशवाह की सक्रियता ने अन्य लोगों की हवाईयां उड़ा दी है क्षेत्रीय जनसंपर्क और लेागों के बीच जाकर उनकी समस्याऐं सुनने के वह लगातार क्षेत्र के दौरे कर रहे है।
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी से भी अब बार-बार ब्राह्मण के नाम पर जान-पहचान वाली पोहरी विधानसभा सीट इस बार कांग्रेस में जातिवाद से इतर जा सकती है और यहां नए चेहरों के रूप में जनपद अध्यक्ष शिवपुरी पारम सिंह रावत सक्रिय रूप से क्षेत्र में अपना जनाधार बढ़ा रहे है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी मंशा है कि वह इस बार युवाओं को मौका देकर क्षेत्र में उनकी स्वीकार्यता हो इसे लेकर कार्य कर रहे है और यही इशारा जनपद अध्यक्ष पारम सिंह रावत का आधार है कि वह सांसद सिंधिया के निर्देशन में पोहरीवासियों के बीच अपनी पकड़ और जनसंपर्क बनाने में जुटे हुए है। दूसरी ओर एक और प्लस प्वाईन्ट यह है कि पोहरी क्षेत्र से जनपद अध्यक्ष पारम सिंह का पुराना लगाव है और उनके पैतृक संबंध भी मधुर है उनके छोटे अनुज जय सिंह रावत भी विगत लंबे समय से सपना बस टे्रवल्स के माध्यम से बस संचालन करते है और अधिकांशत: उनकी बसें पोहरी विधानसभा के क्षेत्रों में ही जाती है जिससे क्षेत्रीय जनताके बीच रावत परिवार का एक जुड़ाव भी बना हुआ है। ऐसे में पोहरी विधानसभा में नए चेहरों के रूप में पारम सिंह रावत और भाजपा से सक्रिय रूप से कार्य कर रहे कैलाश कुशवाह की जनचर्चाऐं लोगों में सुनाई दे रही है।
इसके अलावा क्षेत्र में जातिवाद के नाम पर बार-बार बरगलाने वाली जनता भी अब नए मूड में नजर आ रही है। बताया जाता है कि क्षेत्र के लेागो ने भी इस बार के विधानसभा चुनाव में कुछ नया करने का मन बनाया है हालांकि अभी प्रत्याशी घोषणा होना दूर है बाबजूद इसके पारम सिंह और कैलाश कुशवाह अपने निरंतर प्रयासों से क्षेत्रवासियों की ना केवल समस्याऐं सुन रहे है बल्कि इंगित कर अपने प्रयासों से उन समस्याओं को दूर करने का प्रयास भी कर रहे है।
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