शिवपुरी-जिला चिकित्सालय के एस एन सी यू का है जहाँ एक विधवा महिला के तीन माह के पुत्र के इलाज को लेकर चिकित्सक ने हाथापाई कर दी।
ग्राम जाफरपुर तहसील पोहरी की महिला संगीता रावत पत्नीस्वर्गीय रवि रावत अपने तीन माह के बच्चे को लेकर शिवपुरी जिला चिकित्सालय के एस एन सी यू में भर्ती थी चिकित्सक देवेंद्र वर्मा से अपने बच्चे के इलाज का आग्रह महिला ने किया, लेकिन चिकित्सक ने देखने से मना कर दिया। महिला के ज्यादा आग्रह करने पर चिकित्सक देवेंद्र वर्मा ने महिला के साथ हाथापाई मौके पर उपस्थित गार्डों के साथ मिलकर कर दी। महिला के रिश्तेदारो के आ जाने पर ही महिला बच पायी। इस विधवा महिला के साथ कि गयी हाथापाई से जिला चिकित्सालय और चिकित्सको की स्थिति का खुलासा हुआ है।मामला कोतवाली तक जा पहुचा है जहां महिला संगीता रावत ने पूरी घटना की शिकायत दर्ज की हैएदूसरी तरफ चिकित्सक भी कोतवाली में पहुच गया। एक विधवा महिला के साथ इस तरह की बदसलूकी वह भी एक जिम्मेदार चिकित्सक के द्वारा की गई जिसकी चर्चा शिवपुरी में चारो तरफ थी व चिकित्सक के व्यवहार की सभी और निंदा की जा रही है।जिला चिकित्सालय में व्यवस्था तो उपलब्ध है नही उल्टे मरीजों के साथ इस तरह के व्यवहार से लगातार जिला चिकित्सालय की साख गिर रही है।एक तीन माह के बच्चे को लायी विधवा महिला के साथ जब मानवीयता को दरकिनार कर ऐसा व्यवहार हो रहा है तो सोचिए बाकी के साथ कैसा होता होगा।
ग्राम जाफरपुर तहसील पोहरी की महिला संगीता रावत पत्नीस्वर्गीय रवि रावत अपने तीन माह के बच्चे को लेकर शिवपुरी जिला चिकित्सालय के एस एन सी यू में भर्ती थी चिकित्सक देवेंद्र वर्मा से अपने बच्चे के इलाज का आग्रह महिला ने किया, लेकिन चिकित्सक ने देखने से मना कर दिया। महिला के ज्यादा आग्रह करने पर चिकित्सक देवेंद्र वर्मा ने महिला के साथ हाथापाई मौके पर उपस्थित गार्डों के साथ मिलकर कर दी। महिला के रिश्तेदारो के आ जाने पर ही महिला बच पायी। इस विधवा महिला के साथ कि गयी हाथापाई से जिला चिकित्सालय और चिकित्सको की स्थिति का खुलासा हुआ है।मामला कोतवाली तक जा पहुचा है जहां महिला संगीता रावत ने पूरी घटना की शिकायत दर्ज की हैएदूसरी तरफ चिकित्सक भी कोतवाली में पहुच गया। एक विधवा महिला के साथ इस तरह की बदसलूकी वह भी एक जिम्मेदार चिकित्सक के द्वारा की गई जिसकी चर्चा शिवपुरी में चारो तरफ थी व चिकित्सक के व्यवहार की सभी और निंदा की जा रही है।जिला चिकित्सालय में व्यवस्था तो उपलब्ध है नही उल्टे मरीजों के साथ इस तरह के व्यवहार से लगातार जिला चिकित्सालय की साख गिर रही है।एक तीन माह के बच्चे को लायी विधवा महिला के साथ जब मानवीयता को दरकिनार कर ऐसा व्यवहार हो रहा है तो सोचिए बाकी के साथ कैसा होता होगा।
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