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Thursday, October 3, 2019

बस ऑपरेटरों ने संभाला मोर्चा-आरटीओ भुगतान को लेकर लगने वाले आरोपों को नकारा

परिवहन को लेकर बस ऑपरेटरों की सहमति से हुआ था भुगतानशिवपुरी-जिला परिवहन विभाग में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में आयोजित एक कार्यक्रम में जिले से पिछोर-खनियाधाना भेजे गए वाहनों के भुगतान को लेकर अब बस ऑपरेटरों ने मोर्चा संभाला है। बस ऑपरेटर जयसिंह रावत, हिमांशु आध्या सहित अन्य बस संचालकों ने यह साफ गोई से स्वीकार किया कि इस मामले में किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं है बल्कि यह आरटीओ को दबाब में लेकर किए जाने वाले कार्य है हमें जो भुगतान हुआ है और हमारे जिन साथियों को भी आरटीओ के द्वारा वाहन व्यवस्था के तहत हुए भुगतान को लेकर किसी प्रकार की आपाधापी नहीं है बल्कि जो बस ऑपरेटर थे उनके खातों में राशि आई और उसका उन्होंने अपने निजी कार्यों में उपयोग किया यदि इसमें किसी अन्य बस ऑपरेटर को शामिल किया जाकर उसे भुगतान करना दर्शाया है तो हमें यह कतई स्वीकार नहीं करते क्योंकि शिवपुरी और ग्वालियर से जिन बसों को अधिग्रहण किया गया वह भी बस मालिक ही है। ऐसे में दबाब बनाकर आरटीओ के विरूद्ध कुछ लोग अपने मंसूबों को पूरा करने का प्रयास कर रहे है जो कि वह अपने कार्यों में सफ ल नहीं होंगें। यहां बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आमसभा को लेकर जिला पंचायत विभाग द्वारा पिछोर-खनियाधाना में करीब 300-350 बसों को परिवहन कार्य में लगाया गया था जहां इन बसों को परिवहन के एवज में जो निर्धारित राशि थी वह दूरी के हिसाब से तय थी चूॅंकि शिवपुरी में इतनी संख्या में बसें उपलब्ध ना हानेे के कारण ग्वालियर से भी बसों को बस संचालकों द्वारा जिला परिवहन विभाग के निर्देशानुसार अधिग्रहण किया गया और बाद में सभी बसों को बकायदा जिला पंचायत द्वारा नियमानुसार भुगतान किया गया। इसी भुगतान को लेकर तमाम तरह के आरोप-प्रत्यारोप सोशल मीडिया और कुछ शिकायतकर्ताओं द्वारा परिवहन मंत्री तक कर दी गई। लेकिन वहीं मामले को लेकर स्वयं मप्र शासन के परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने भी जिला परिवहन अधिकारी के कार्यों में किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं पाई और उन्हें इस मामले में क्लीनचिट दीए बाबजूद इसके कुछ स्वार्थी तत्व अपना हित साधने के लिए आरटीआई पर अनावश्यक दबाब बनाने का प्रयास कर रहे है।
आरोप-प्रत्यारोपों से जिला परिवहन विभाग का इंकारइस मामले में जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती मधु सिंह ने भी साफ शब्दों में जिला परिवहन विभाग पर किसी भी तरह के आरोप-प्रत्यारोप से साफ इंकार किया है और कहा है कि शासन की प्रक्रिया के तहत हम जन सामान्य के कार्य करने के लिए जिला परिवहन कार्यालय में कार्य कर रहे है और माननीय जिलाधीश श्रीमती अनुग्रह पी. के निर्देशन में जिला परिवहन विभाग के नियम निर्देशों के तहत ही विभाग का संचालन किया जा रहा है। किसी भी तरह का कोई भुगतान या किसी भी प्रकार से कोई जन सामान्य परेशान ना हो हम इसके लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि जिला परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर ड्रायविंग लायसेंस शिविर, ओवरलोडिंग को लेकर दिशा निर्देश, स्कूली वाहनों का संचालन शासन के नियम निर्देशों के अनुसार किया जाना सुनिश्चित किया गया है और यदि इस कार्य में कोई दोषी या लापरवाह है तो हम शासकीय कार्य अनुरूप ऐसे कार्य करने वालों के खिलाफ चालानी कार्यवाही, वाहन में कमी पाए जाने पर जब्ती की कार्यवाही करते है ताकि आगे से कोई जिला परिवहन विभाग के नियम निर्देशों का संबंधित वाहन स्वामियों द्वारा पालन किया जा सके।
क्या कहते हैं बस संचालक-हमें तो शासन के द्वारा निर्धारित परिवहन की राशि का ही भुगतान हुआ है और किसी भी तरह के आरोप.प्रत्यारोप से हमें कोई वास्ता नहीं। हालांकि कुछ बस ऑपरेटर ग्वालियर के भी इसमें शामिल थे जिन्हें भी उनके खाते में भुगतान किया गया तो इसमें गलत क्या है वह बस संचालक है हम इसकी सहमति भी प्रदान करते है।
जय सिंह रावत, संचालक, सपना बस ट्रेवल्स, शिवपुरी

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