साहित्यकारों और गीतकारों ने दी श्रद्धांजलि
शिवपुरी-शिवपुरी में संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले बेहतरीन संगीतज्ञ पी जी मंगलमूर्ति के निधन पर साई बाबा मंदिर पर शिवपुरी के साहित्यकारों और गीतकारों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। जिसमे बोलते हुए साहित्यकार अरुण अपेक्षित ने कहा कि शिवपुरी को राज परिवार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया और जिला केंद्र नरवर से शिवपुरी बना तब कई महाराष्ट्रीयन परिवारों का आगमन हुआएऔर इनके आगमन के बाद संगीत के क्षेत्र में बेहतर कार्य प्रारम्भ हुआ, शास्त्रीय संगीत के साथ यंत्र वादन भी प्रारम्भ हुआएउसमे सबसे महत्वपूर्ण नाम पी जी मंगलमूर्ति का था। साहित्यकार दिनेश वशिष्ठ ने कहा कि में जब महाविधालय का अध्यक्ष बना तब पूर्व छात्र सम्मेलन के माध्यम से हमने शिवपुरी के विकसित संगीत को पायाए तो अचंभित हुआ हमने देखा कि शिवपुरी का गायन और वादन इतना विशाल था उसमें पी जी मंगलमूर्ति जी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस अवसर पर संजू पुण्डरीक, अजय राहुरिकर ने गीत की प्रस्तुति के साथ भावों से स्वर्गीय मंगलमूर्ति का पुण्य स्मरण किया। इस अवसर पर संचालन आशुतोष शर्मा ने किया। मौजूद लोगों में लखनलाल खरे, राजेन्द्र शर्मा, परमाल यादव, हिमांशु अग्रवाल, राजेश गुप्ताए प्रमुख थे। सभी ने स्वर्गीय जी बी मंगलमूर्ति के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
शिवपुरी-शिवपुरी में संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले बेहतरीन संगीतज्ञ पी जी मंगलमूर्ति के निधन पर साई बाबा मंदिर पर शिवपुरी के साहित्यकारों और गीतकारों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। जिसमे बोलते हुए साहित्यकार अरुण अपेक्षित ने कहा कि शिवपुरी को राज परिवार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया और जिला केंद्र नरवर से शिवपुरी बना तब कई महाराष्ट्रीयन परिवारों का आगमन हुआएऔर इनके आगमन के बाद संगीत के क्षेत्र में बेहतर कार्य प्रारम्भ हुआ, शास्त्रीय संगीत के साथ यंत्र वादन भी प्रारम्भ हुआएउसमे सबसे महत्वपूर्ण नाम पी जी मंगलमूर्ति का था। साहित्यकार दिनेश वशिष्ठ ने कहा कि में जब महाविधालय का अध्यक्ष बना तब पूर्व छात्र सम्मेलन के माध्यम से हमने शिवपुरी के विकसित संगीत को पायाए तो अचंभित हुआ हमने देखा कि शिवपुरी का गायन और वादन इतना विशाल था उसमें पी जी मंगलमूर्ति जी की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस अवसर पर संजू पुण्डरीक, अजय राहुरिकर ने गीत की प्रस्तुति के साथ भावों से स्वर्गीय मंगलमूर्ति का पुण्य स्मरण किया। इस अवसर पर संचालन आशुतोष शर्मा ने किया। मौजूद लोगों में लखनलाल खरे, राजेन्द्र शर्मा, परमाल यादव, हिमांशु अग्रवाल, राजेश गुप्ताए प्रमुख थे। सभी ने स्वर्गीय जी बी मंगलमूर्ति के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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