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Monday, May 11, 2020

मण्डी बोर्ड एवं मण्डी कर्मचारी संघ ने मण्डी संशोधन अधि. का किया विरोध

शिवपुरी- मण्डी बोर्ड एवं मण्डी कर्मचारी एकता संघ के द्वारा मप्र सरकार द्वारा लागू किए मप्र कृषि उपज मण्डी अधि.1972 में संशोान संधी मप्र शासन के अध्यादेश 01 मई 2020 को कृषकों एवं मण्डी बोर्ड कर्मचारियों के हित के संदर्भ में मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। 

इस ज्ञापन में मण्डी बोर्ड/मण्डी कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव एस.एम.जायसवाल ने बताया कि 01 मई 2020 को मप्र कृषि उपज मण्डी अधि.1972 में अध्यादेश द्वारा जो संशोधन किया गया है वह न्यायोचित नहीं है क्यांकि इस अधि. के कारण नवीन कानून/परिवर्तन में प्रायवेट मंडी, इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म, ट्रेडिंग को मण्डी समितियों के नियंत्रण से मुक्त रखा गया जिससे कृषि उपज का व्यापार निजी, व्यापारिक गोदामों आदि स्थानों पर संपन्न होने से किसानों को उनकी उपज का भुगतान का जोखिम होगा तथा मण्डी समितियों को मण्डी शुल्क प्राप्त ना होने से करोड़ों रूपये की आर्थिक क्षति पहुचेंगी। 

इसके साथ ही मण्डी बोर्ड/मण्डी समितियों में लगभग 10 हजार अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत है जिनके वेतन भत्तों का भुगतान मण्डी शुल्क से प्राप्त आय से किया जाता है इसके अतिरिक्त मण्डी बोर्ड/मण्डी समितियों के लगभग 3 हजार सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारीयों को पेंशन भी दी जा रही है आय में कमी से यह व्यवस्था प्रभावित होगी। इसलिए मण्डी बोर्ड/मण्डी कर्मचारी संघ मांग करता है कि मप्र कृषि उपज मण्डी अधि.1972 में संशोधन संबंधी मप्र शासन के अध्यादेश दिनांक 01 मई 2020 को निरस्त किया जावे।  

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