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Tuesday, April 27, 2021

जिला अस्पताल से रैफर महिला मेडीकल कॉलेज के गेट पर पड़पती रही इलाज को


कोरोना काल में चिकित्सकीय कार्य प्रणाली पर उठ रहे बार-बार सवाल

शिवपुरी-विपदा के समय यदि मानवीय संवेदनाऐं ही मृत प्राय: हो जाए तो कल्पना किससे की जा सकती है क्योंकि वर्तमान हालातों मे कोविड भी एक विपदा ही है और इस विपदा में इंसान को इंसानियत ही नजर नहीं आ रही। यही कारण है कि एक ओर जहां महिला अस्पताल से रैफर होकर मेडीकल कॉलेज में अस्पताल के लिए पहुंची तो यहां एक घंटे तक ना तो महिला को उपचार तो दूर बल्कि मेडीकल कॉलेज में महिला को भर्ती तक नहीं किया गया। ऐसे हालातों में मानवीय संवेदना मृत प्राय: ही हो गई है यही जान पड़ता है बमुश्किल महिला को उसके परिजनों के द्वारा मिन्नतें करने के बाद इलाज संभव हो सका।

कोरोना से होने वाली मृतकों को नहीं मिल रही समय पर जानकारी

ऐसा नहीं है कि मेडीकल कॉलेज में केवल इंसान इलाज के लिए अभाव में ही दम तोड़ रहा है बल्कि कई मरीज कोविड के रूप में भर्ती हुए है और उनके परिजनों को मेडीकल कॉलेज प्रबंधन जानकारी तक नहीं दे रहा है। यही कारण है कि परिजनों को स्वयं अपने हालातों को सभी के सामने बयां करना पड़ रहा है। यही कारण है कि शर्मा परिवार में हुई एक व्यक्ति की मौत को लेकर उसके परिजनों को जानकारी नहीं दी और जब वह मृत हो गया तब भी नहीं बताया गया। ऐसे में इस तरह की कई गंभीर मुद्दों पर मेडीकल कॉलेज गंभीर नहीं है। एक ओर जहां कोविड के नाम पर मरीजों के परिजनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है तो वहीं मौजूद वार्डवाय व चिकित्सकों का यह कर्तव्य बनता है कि मरीजों के परिजनों तक समुचित जानकारी पहुंचाऐं। वहीं देर सायं 4 बजे से जो फोन नं.पर बात करने की कहा जाए तो उस पर भी बात नहीं कराई जा रही। यही कारण है कि कई बार मरीज की मौत के बाद भी परिजनों को नहीं बताया जा रहा।

भतीजे की मौत पर चाचा ने लगाया चिकित्सकों पर हत्या का आरोप!

यहीं नहीं यदि अस्पताल और मेडीकल कॉलेज के हालातों को बयां करें तो कई प्रकार की खामियां नजर आऐंगी। यही कारण हैकि जिला चिकित्सालय में परिजनों के लगाए आरोप के अनुसार चिकित्सकों की लापरवाही ने मेरे भतीजे हरिओम चोकसे की हत्या की, यह सनसनीखेज आरोप लगाए हरिओम के चाचा नितिन चौकसे मोनू ने लगाए। जिन्होंने कहा कि उनका भतीजा हरिओम चौकसे ना तो वह कोरोना से खत्म हुआ है बल्कि उसे दो दिन तक तो अस्पताल में ही बैड नहीं मिला, जब उसे ऐडमिट किया गया तब वह 90 से 92 की ऑक्सीजन पर था और दो दिन इलाज में लापरवाही होने के कारण उसके फेफड़े 65 प्रतिशत इन्फेक्शन की स्तिथि में आ गए थे उसके बाद भी अस्ताल प्रबंधन द्वारा भतीजे हरिओम चौकसे कोई उचित इलाज नहीं दिया गया जिसके कारण वह आज हमारे बीच नहीं हैं। इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर नितिन चौकसे मोनू के द्वारा यह मामला उठाया गया लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की कार्यवाही या जांच को लेकर कोई टीम ना तो अस्पताल प्रबंधन ने बनाई और ना ही जिला प्रशासन ने।  

पांच कोरोना और दो संदिग्ध सहित सात की मौत, एक ही दिन में स्वस्थ हुए 194 मरीज

जिला अस्पताल शिवपुरी और मेडिकल कॉलेज में कोरोना से पांच मरीजों की जान चली गई है। इसके अलावा दो अन्य संदिग्ध मरीजों की मौत हुई हैं। इसी के साथ शिवपुरी जिले में कोरोना महामारी से अप्रैल में 56 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं सोमवार को एक दिन में सबसे अधिक 194 मरीज स्वस्थ हुए हैं। जबकि नए पॉजीटिव केस 184 सामने आए हैं। इसी के साथ एक्टिव केस घटकर 1583 हो गए हैं। मेडिकल कॉलेज की आरटी पीसीआर रिपोर्ट में 279 में से 124 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं। जबकि 252 रेपिड एंटीजन टेस्ट में 60 मरीज कोरोना पॉजीटिव आए हैं। इस तरह कुल 531 में से 184 कोरोना पॉजीटिव हैं। इसी के साथ शिवपुरी जिले में अब तक कुल 7217 नए मरीज सामने आए हैं। 194 मरीज स्वस्थ होने से अब तक कुल 5595 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में कुल 195 मरीजों को भर्ती रखा गया है। जबकि दोनों कोविड आईसीयू में 69 मरीज कोरोना व 24 अन्य मरीज भर्ती हैं। होम आइसोलेशन में अभी 1182 मरीज रह रहे हैं।

कोरोना बीमारी से इन्होंने तोड़ा दम

कोरोना की बामरी से दम तोडऩे वालों में कैलाश चौधरी उम्र 63 वर्ष निवासी ग्वालियर बायपास शिवपुरी, अनिल ओझा पुत्र अशोक ओझा उम्र 36 वर्ष निवासी छोटा लुहारपुरा, रामदयाल शर्मा पुत्र लल्लूराम उम्र 85 वर्ष निवासी शिवपुरी, जसराम पुत्र जगतराम उम्र 72 वर्ष निवासी शिवपुरी और मीरा राठौर पत्नी श्याम राठौर उम्र 42 वर्ष निवासी पुरानी शिवपुरी की कोरोना से मौत हो गई है। इसके अलावा संदिग्ध मरीजों में गोपाल अग्रवाल पुत्र बनवारीलाल अग्रवाल उम्र 61 वर्ष निवासी विष्णु रोड शिवपुरी और अशोक शर्मा शामिल हैं।

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