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Shishukunj

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Monday, May 3, 2021

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शक्तिशाली महिला संगठन समिति द्वारा कोरोना से जंग जीते पत्रकार बंधुओं का वर्चुअल विडियो के माध्यम से सम्मान किया


कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें और डरे नहीं जीत आपकी होगी- अतुल त्रिवेदी संभागीय समंव्यक स्वच्छ भारत मिशन 

शिवपुरी। दुनियाभर में 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर वर्ष प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। साथ ही यह दिन दुनियाभर की सरकारों को 1948 के मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करने और उसे बनाए रखने के लिए अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मई 1993 को प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की थी। तभी से हर साल 3 मई को ये दिन मनाया जाता है। हर वर्ष यह दिन किसी थीम पर आधारित होता है। इस बार इसकी थीम है 'पत्रकारिता बिना डर या एहसान के'। कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि  इस दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। साथ ही ये दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है। प्रेस की आजादी के महत्व के लिए दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है। इस कारण सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए। 

दुनियाभर में पत्रकारों को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए शक्तिशाली महिला संगठन द्वारा कोरोना संक्रमण से जंग जीते विपिन शुक्ला, नेपाल पाल एवम् नरेंद्र शर्मा को कोविड सुरक्षा की दृष्टि से सांकेतिक रूप से वर्चुअल वीडियो कॉल के माध्यम से सम्मानित किया यह सम्मान पाने वाले विपिन शुक्ला वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी आपबीती में बताया कि जैसे ही मुझे कोरोना के लक्षण आए सबसे पहले मैंने जांच कराएं और घर आकर अपने आप को होम आइसोलेशन मैं कर लिया इसका परिणाम यह निकला कि मेरी पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी मेरी दोनों बेटियां और पत्नी को संक्रमण नहीं हुआ इसके बाद मुझे आइसीयू कविड वार्ड में ऑक्सीजन पर रखा गया ।

 काफी लोगों ने सहयोग किया लेकिन सबसे ज्यादा मदद मेरी दोनों बेटियां जो कि मेरे लिए बेटों से कम नहीं है उन्होंने की उन्होंने पी पी ई किट पहनकर मुझे खाना खिलाया और आवश्यक मदद मुहैया कराई । इसके साथ सबसे बड़ी सहयोगी हमारी नर्स थी जो दिन रात मरीजों की सेवा में लगी है वह थी उनकी वजह से मेरी जान बच पायी कृपया उनका सम्मान करें और कोरोना से घबराए बिल्कुल नहीं सकारात्मक सोच रखें डर बिल्कुल ना हावी होने दे आप जंग जीत जाएंगे जैसे की में जीता।

 कोरोना से जंग जीते एक और पत्रकार साथी नेपाल ने बताया कि जैसे ही मुझे बुखार आया मैंने सबसे पहले जांच कराई और  परिवार के अन्य सदस्यों से दूरी बनाकर आवश्यक दवाइयां ,नियमित योगा एवं सकारात्मक सोच रखी जिस कारण मैंने 5 से 7 दिनों में  ही कोरोना को मात दी ।इसके साथ साथ में यह भी कहना चाहता हूं गांव के लोग जो बुखार को टाइफाइड या अन्य बीमारी समझकर झोलाछाप डॉक्टरों से अपना इलाज करा रहे हैं और अपनी जांच नहीं करा रहे हैं इससे वह अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं कृपया ऐसा ना करें इसके लिए ग्रामीण लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। 

कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन के  संभागीय समनव्यक अतुल त्रिवेदी ने कहा कि सभी लोग कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें और कोरोना से डरे नहीं सकारात्मक सोच रखे कुछ दिनों के लिए मोबाइल और इंटरनेट से दूरी बना लें। और समाचार पत्रों एवं सकारात्मक खबरों को पढ़ें जो लोग अच्छे हो रहे हैं उनकी खबरें पढ़ें जिससे कि आप सकारात्मक होंगे और शीघ्र स्वस्थ होंगे। इस अवसर पर संस्था के रवि गोयल और स्वच्छ भारत मिशन के अतुल त्रिवेदी द्वारा सांकेतिक रूप में तीनों कोरोना से जंग जीते विपिन शुक्ला, नरेंद्र शर्मा और नेपाल पत्रकार  बंधुओं का सम्मान किया गया और विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।

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