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Thursday, October 7, 2021

सहकारी सोसायटी के सहायक प्रबंधक के घर ईओडब्लयू का छापा, मिली अकूत संपत्ति



जांच में जुटी टीम को मिले भवन और टाईल्स की दुकान, लगातार हो रही जांच

शिवपुरी-अभी कोलारस में सहकारी सोसायटी मामले की जांच में जहां 14 अधिकारी-कर्मचारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त पाते हुए निलंबित कर दिया गया है तो वहीं करैरा के टोड़ा पिछोर सहकारी सोसायटी में भी अब जांच शुरू हो गई है। यहां भ्रष्टाचार के इन मामलों के बीच गुरूवार की सुबह शहर में उस समय सनाका खिंच गया जब शहर की विजयपुरम कॉलोनी में निवासरत एक सहकारी सोसायटी के ही सहायक प्रबंध के यहां ईओडब्लयू ने आकस्मिक छापा मारा और यहां करोड़ों रूपये की अकूत संपत्ति मौके पर टीम ने पाई जिसे लेकर ईओडब्ल्यू टीम की जांच लगातार जारी है।

विजयपुरम कॉलोनी में निवासरत सहायक प्रबंधक के यहां दी एकाएक दबिश
बताया गया है कि फतेहपुर रोड स्थित विजयपुरम कॉलोनी में रहने वाले पचावली सहकारी साख समिति के सहायक प्रबंधक माधुरी शरण भार्गव के यहां आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लयू)ने छापा मारा है। ईओडब्लयू की टीम को भार्गव के घर जाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। यहां 3 बार बैल बजाने के बाद भी भार्गव ने दरवाजा नहीं खोला, बाद में अफसर वहां समीप ही खड़े पेड़ पर चढ़कर भार्गव के घर में घुसे और कार्रवाई शुरू की जिसमें टीम को इस सहायक प्रबंधक के घर से मौके पर ही 3 मकान, प्लॉट, दुकान, नकदी रुपए और सोना-चांदी समेत बेहिसाब संपत्ति की जानकारी सामने आई है। बताया जाता है कि माधुरीशरण भार्गव का बेटा प्रॉपर्टी का कारोबार करता है। इस कारण टीम उसके घर पहले प्रॉपर्टी खरीदने के बहाने पहुंची, लेकिन भार्गव को शक हो गया। उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। कुछ देर बाद टीम के अन्य सदस्य पता पूछने के बहाने उनके यहां पहुंचे, लेकिन फिर भी दरवाजा नहीं खोला। ऊपर से ही बात करते रहे। तीसरी बार टीम रेड डालने की बात कहते हुए पहुंची, तब भी गेट नहीं खोला। टीम के कुछ सदस्य माधुरी शरण भार्गव के मकान के सामने लगे अशोक के पेड़ पर चढ़कर समीप के ही पड़ोसी की छत पर पहुंचे। इसके बाद भार्गव के मकान में घुसे। भार्गव के घर से करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है।

सहायक सेल्समैन के रूप में शुरू की थी नौकरी
बताया जाता है कि पचावली सोसायटी के सहायक प्रबंध माधुरीशरण भार्गव ने सहायक सेल्समैन के रूप में नौकरी शुरू की थी जिसमें उन्हें साल 1995 में 500 रुपए के वेतन प्राप्त होता था। वर्तमान में वह सहायक प्रबंधक पचावली के पद पर पदस्थ है और वर्तमान में उन्हें 12 हजार 500 रुपए महीना वेतन मिलता है। ऐसे में अनुमान के अनुसार 26 साल की नौकरी में वेतन के रूप में करीब 30 लाख रुपए मिले हैं। जांच में उनकी संपत्ति इससे कई गुना ज्यादा की मिली है। टीम ने भार्गव से संपत्ति का हिसाब मांगा हैए लेकिन वे मौके पर कुछ बता नहीं पाए।

भवनों के साथ टाईल्स की दुकान भी जांच की जद में
बताया गया है कि सहायक प्रबंधक पचावली माधुरीशरण भार्गव जिस कॉलोनी में रहते हैं, वहां उनके दो मकान आमने-सामने हैं। इसके अलावा भी दो तीन अन्य मकान बताए जा रहे हैं। ग्वालियर बायपास पर करीब एक करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की टाइल्स की दुकान है। फतेहपुर रोड पर भी बेशकीमती प्लॉट पर दुकान और मकान निर्माणाधीन है। परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर भी करोड़ों की जमीन होने की बात सामने आई है।

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