चाइल्ड लाइन वोलेंटियर्स को मीटिंग में दिए सुझावशिवपुरी-बच्चों का अगर पढ़ाई में मन नहीं लग रहा तो यह इस बात का संकेत है कि वे कहीं न कहीं मानसिक तनाव में है। पढ़ाई छूटने से बच्चों के सामने अनेकों जोखिम बढ़ गए है। बच्चों को मजदूरी, भीख मांगने या कचरा-कबाड़ बीनने में भी लगाया जा सकता है। उनका कम उम्र में विवाह किया जा सकता है।
पढ़ाई से दूर रहने वाले बच्चे गलत लोगों के साथ बैठेंगे तो नशे या आपराधिक गतिविधियों से भी जुड़ सकते है, ऐसी स्थिति में उन्हें उचित परामर्श एवं भावनात्मक सहयोग की बहुत जरूरत होती है। यह सुझाव चाइल्ड लाइन वोलेंटियर्स को बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने दिया। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे ऐसी स्थितियों में हैएतो चाइल्ड लाइन को सूचित करेंए ताकि समय पर बच्चों को परामर्शी सेवाएं दी जा सकें। ममता संस्था की जिला समन्वयक कल्पना रायजादा ने बताया कि कोविड संक्रमण के चलते पिछले 2 वर्षों में बच्चों की शैक्षणिक स्थिति काफी प्रभावित हुई है। जिससे बच्चों में भी चिंता या भय जैसी स्थिति हैं जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती हैं, इसलिए वर्तमान स्थिति में ज्यादा देखभाल की जरूरत है।
चाइल्ड लाइन सिटी कॉर्डिनेटर सौरभ भार्गव ने मीटिंग में बच्चों के विकास एवं सुरक्षा को प्रभावित करने वाले जोखिमों को चिन्हित कर उन्हें मिटाने के संबंध में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सेंटर समन्वयक अरुण कुमार सेन द्वारा चाइल्ड लाइन 1098 सर्विस की विस्तृत जानकारी दी एवं चाइल्ड लाइन स्वयंसेवक को अपने कार्यक्षेत्र के दायित्वों को बताया एवं किस तरह काम करना है।
चाइल्ड लाइन सिटी कॉर्डिनेटर सौरभ भार्गव ने मीटिंग में बच्चों के विकास एवं सुरक्षा को प्रभावित करने वाले जोखिमों को चिन्हित कर उन्हें मिटाने के संबंध में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सेंटर समन्वयक अरुण कुमार सेन द्वारा चाइल्ड लाइन 1098 सर्विस की विस्तृत जानकारी दी एवं चाइल्ड लाइन स्वयंसेवक को अपने कार्यक्षेत्र के दायित्वों को बताया एवं किस तरह काम करना है।
चाइल्ड लाइन द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बच्चों के लिए स्वेच्छिक कार्य करने वाले स्वयंसेवको को चिन्हित किया है। जो अपने क्षेत्र में कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को चिन्हित कर उनकी सहायता करने का काम करते है। चाइल्ड वोलेंटियर्स के साथ आयोजित बैठक में परामर्शदात्री सृष्टि ओझा, टीम सदस्य हिम्मत सिंह रावत, विनोद परिहार, समीर खान, संगीता चव्हाण, अवसार बानो, सुल्तान सिंह, स्वयंसेवक सोनू आदिवासी एवं अन्य मौजूद रहे।
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