शिवपुरी-भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की ईकाई के रूप में शिवपुरी जिले के करैरा में स्थित संचार एंव सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में 27 अक्टूबर से 02 नवम्बर तक आयोजित होने वाले सतर्कता जागरूकता सप्ताह कार्यक्रम का आरम्भ राजेश कुमार, सेनानी, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल द्वारा संस्थान में तैनात पदाधिकारियों को शपथ के साथ किया जो एक सप्ताह तक चलेगा और जिसका मूल मंन्त्र है सतर्कता: हमारी साझा जिम्मेदारी एंव विभिन्न कार्यक्रमो के माध्यम से बल के पदाधिकरियों, स्कूल / कालेजों के छात्रों, ग्राम पचायतों के नागरिकों तथा सरकारी संस्थाओं के कर्मियों को जागरूक किया जाएगा।सतर्कता के क्षेत्र में केन्द्रीय सरकारी ऐजेसियों को सलाह तथा मार्गदर्शन हेतु श्री के संथानम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निवारण समिति की सिफारसों पर सरकार ने फरवरी 1964 में केन्द्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना की। केन्द्रीय सतर्कता आयोग की पृष्ठभूम एक शीर्षस्थ सतर्कता संस्थान के रूप में की गई जो किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियंत्रण से मुक्त है तथा केन्द्रीय सरकार के अतंर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है एवं केन्द्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्न सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा करने तथा सुधार करने में सलाह देता है। भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यादेश जारी किए जाने के फलस्वरूप केन्द्रीय सतर्कता आयोग को 25 अगस्त 1988 में सवैधानिक दर्जा देकर एक बहुसदस्यीय आयोग बनाया गया और आयोग का पहला अध्यक्ष 1964 में निटटूर श्रीनिवास राव को बनाया गया। वर्तमान समय में केन्द्रीय सतर्कता आयोग का अध्यक्ष प्रवीन कुमार को बनाया गया, यह एक सवैधानिक पद है।
सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाने का सीधा उददेश्य भारत के नागरिकों का जागरूक कराना है। भारत के नागरिकों को समाज और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के प्रभाव के प्रति जागरूक करना है, जिसके माध्यम से नागरिकों तथा देश का विकास हो सके। भारत के प्रधानमन्त्री के मुताबिक भ्रष्टाचार, मादक पदार्थ, आर्थिक अपराध, आतंकवादी वित्तपोषण यह सभी आपस में एक दूसरे से जुडे हुए है। ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाप नागरिक व सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा।

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