बड़ौदी स्थित सीआरपीएफ सीआईएटी स्कूल, शिवपुरी में मनाया गया 83वंा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल का स्थापना दिवसशिवपुरी-आज भारत देश में किसी प्रकार की आंतरिक समस्या उत्पन्न होने पर सभी को एक ही शक्ति की जरूरत पड़ती है वो है सीआरपीएफ का उदय 27 जुलाई 1939 मे ब्रिटिश शासन के समय प्रजामंडल आंदोलन के दौरान हुआ था और उस समय इसका नाम था क्राऊन रिप्रजेंटेटिव पुलिस समय के साथ भारत की आजादी के बाद 28 दिसम्बर 1949 में सीआरपीएफ अधिनियम, 1949 पारित होने के साथ तत्कालीन गृह मंत्री बल्लभ भाई पटेल ने इसे एक नया पहचान दिया तथा उसका नाम केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल रखा गया।
यह बल विश्व का सबसे बड़ा अर्ध सैनिक बल बना। जिसमे आज लगभग 3.5 लाख सैनिक कार्यरत हैं। सीआरपीएफ संस्थान की इस स्थापना दिवस पर प्रकाश डाला सीआरपीएफ सीआईएटी संस्थान के कमाण्डेट सुरेश कुमार यादव ने जो संस्थान परिसर में 27 जुलाई के अवसर पर बल के द्वारा मनाए जा रहे 83वें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर शिवपुरी स्थित सीआईएटी स्कूल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में भी कई कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। सीआईएटी स्कूल के कमांडेंट सुरेश कुमार यादव द्वारा 83वा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल दिवस समारोह का प्रारम्भ शहीदो को नमन करते हुए किया। उन्होने सभी अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारीगण, अन्य कार्मिक एवं उनके परिजनो को 83वां केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल दिवस समारोह के अवसर पर शुभकामनाए दी। उन्होने बल के वीर सदस्यों द्वारा रचे गए गौरवपूर्ण इतिहास एवं उनके बलिदानों की याद दिलाईं।
इस अवसर पर शिवपुरी स्थित सीआईएटी स्कूल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में भी कई कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। सीआईएटी स्कूल के कमांडेंट सुरेश कुमार यादव द्वारा 83वा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल दिवस समारोह का प्रारम्भ शहीदो को नमन करते हुए किया। उन्होने सभी अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारीगण, अन्य कार्मिक एवं उनके परिजनो को 83वां केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल दिवस समारोह के अवसर पर शुभकामनाए दी। उन्होने बल के वीर सदस्यों द्वारा रचे गए गौरवपूर्ण इतिहास एवं उनके बलिदानों की याद दिलाईं।
इसके पश्चात सीआईएटी स्कूल के उन पाँच कार्मिकों को जिन्हे इस वर्ष अति विशिष्ट और विशिष्ट सेवा पदकों से सम्मानित किया गया है उनको कमांडेंट द्वारा बधाई दी। कमांडेंट श्री यादव ने इस अवसर पर भविष्य में भी देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने हेतु बल के कार्मिकों को प्रेरित किया। इस अवसर पर जवानो के मनोरंजन हेतु वॉली बाल प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया और विजयी टीम को पुरुस्कृत किया गया। इसके उपरांत सी.आर.पी.एफ. की परंपरा अनुसार बड़ा खाना आयोजित किया गया।
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