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Saturday, June 17, 2023

सागर / नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड


सागर
। नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वाले आरोपी कमलेष पटैल को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-376(1) के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-  342 के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा-506 (भाग-2)  के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989  की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास व पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा-3(2)(व्ही) के तहत आजीवन सश्रम कारावास व पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा-3(2)(व्ही-ए), के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास व पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड  की सजा से दंडित किया है। न्यायालय द्वारा बालिका के पुर्नवास के लिये उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 4,00,000/- (चार लाख रूपये) दिये जाने का आदेष दिया गया । मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की एवं प्रकरण की विवेचना मनभरण प्रजापति तत्कालीन सी.एस.पी. मकरोनिया द्वारा की गई।


घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि सूचनाकर्ता/बालिका ने थाना गोपालगंज में रिपोर्ट लेख कराई कि स्कूल जाने के दौरान उसकी जान पहचान अभियुक्त कमलेश पटैल से हो गई थी। फिर करीब माह नवम्बर 2019 से उसकी व अभियुक्त कमलेश की बातचीत होने लगी अभियुक्त कमलेश पटेल ने उसे बात करने के लिये की-पैड मोबाईल भी दिया और अभियुक्त कमलेश पटेल उससे शादी करने का कहने लगा। बालिका द्वारा शादी करने से मना करने पर अभियुक्त मर जाने का कहने लगा। दिनांक 20.02.2020 के शाम करीब 8-9 बजे अभियुक्त कमलेश ने उसे फोन करके मिलने के लिये कहा तथा बालिका के मिलने आने पर वह बालिका को उसके घर ले गया और बालिका से शादी करने या भाग चलने के लिए कहने लगा। 

तब बालिका ने कहा कि वह उसके घर वालों की मर्जी के बिना शादी नहीं करेगी फिर अभियुक्त ने घर का दरवाजा बंद कर दिया और रात के करीब 10ः00 बजे उसके साथ जबरदस्ती गलत काम ;बलात्कारद्ध किया तथा बालिका द्वारा घटना के बारे में उसके घर वालों को बताने पर अभियुक्त ने उसे व उसके घर वालों को जान से मारने की धमकी दी जिससे उसने डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया। दिनांक 17.03.2020 को करीब 12ः00 बजे जब बालिका उसका 12 वीं का पेपर देकर लौट रही थी तो अभियुक्त कमलेश उसे रास्ते में मिला और उसने बालिका से शादी करने के लिए कहा तथा शादी न करने पर बालिका को बदनाम करने की धमकी देने लगा तब बालिका ने उसके घर जाकर उसकी माँ, उसकी बहनों व भाई को घटना के बारे में बताया एवं दिनांक 18.03.2020 को उसकी माँ बहन एवं भाई के साथ पुलिस थाना जाकर रिपोर्ट की ।

उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-गोपालगंज द्वारा धारा-342, 376, 506 भा.दं.सं. , धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू), 3(2)(व्ही) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।


नाबालिग के साथ छेडछाड़ करने वाले तीन आरोपियों को 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी -सोनू पिता लालचंद अहिरवार, बहादुर पिता शेखर अहिरवार एवं राजवीर पिता हरिचंद अहिरवार को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-354 सहपठित धारा-34 के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास व दो सौ रूपये अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 9 (जी)सहपठित धारा 10 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास व पॉंच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री मनोज कुमार पटैल ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने थाना मकरोनिया में रिपोर्ट लेख कराई कि दिनंाक 16.04.21 को शाम 04ः45 बजे जब पीड़िता अपनी छोटी बहिन के साथ कोचिंग करके घर वापस आ रही थी तभी रास्ते में आरोपी बहादुर अहिरवार, विधि का उल्लंघन करने के लिए अभिकथित बालक, सोनू अहिरवार व राजवीर अहिरवार, निवासी कोरेगांव आए और आरोपी बहादुर उससे कहने लगा कि वह उसके साथ घूमने चले। पीड़िता द्वारा मना करने पर आरोपी सोनू ने बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया, जब उसने अपना हाथ छुड़ाया तो विधि का उल्लंघन करने के लिए अभिकथित बालक और आरोपी राजवीर दोनों मिलकर उससे कहने लगे कि यदि वह उनकेे साथ नही चलेगी तो उसे व उसके परिवार को जान से खत्म कर देंगे। मौके पर घटना उसकी छोटी बहिन व आसपास के लोगों ने देखी सुनी है तब पीड़िता ने घर वापस आकर गुस्से में घर में रखी कीड़े मारने वाली दवा खा ली जिससे उसकी तबीयत खराब होने लगी तो उसके माता-पिता आ गए जिन्हें उसने सारी घटना बताई फिर वे लोग उसे इलाज के लिए डाक्टर के पास ले गए वहां उसका प्रारंभिक इलाज हुआ, फिर वहां से वे लोग तिली अस्पताल सागर गए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया,

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मकरोनिया द्वारा आरोपी सोनू अहिरवार, बहादुर अहिरवार, राजवीर अहिरवार के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354, 354(ए)(प) सहपठित धारा 34, 506 (भाग दो) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 9जी सहपठित धारा10 के अंतर्गत, का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है। 


टेªन में युवती से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । टेªन में युवती से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी संजय उर्फ संजू परमार को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला-सागर श्रीमती मीनू पचौरी दुबे की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-354 के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। । मामले की पैरवी सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती प्रियंका जैन ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने थाना जीआरपी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह दिनॉक 31.03.2016 को हबीबगंज से कटनी आने के लिये रीवांचल एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थी , यात्रा के दौरान रात को एक बजे सामने की बर्थ में लेटे हुये यात्री ने  बुरी नियत से सोते समय गलत तरीके से छुआ तो उसकी नींद खुल गई तो उसने मना किया तो वह वहॉ से दूसरी जगह चला गया करीब 05 मिनिट बाद पुनः वही व्यक्ति फिर से उसी बर्थ पर आकर लेट गया और उसे पुनः आभास हुआ कि वह व्यक्ति फिर से छेड़छाड़ करेगा तो उसने अटेण्डर के पास जाकर बताया जो टी.सी. को बुलाकर लाया और घटना की जानकारी दी, टी.सी के द्वारा चार्ट चेक करने पर उक्त बर्थ खाली होना पाया गया । इसके बाद टी.सी. द्वारा उसका नाम पूछे जाने पर उसने अपना नाम संजय परमार पिता वासुदेव परमार निवासी-इंदौर होना बताया इसके बाद फरियादिया ने उक्त घटना के बारे में मोबाइल से अपने माता-पिता को सूचित किया । टी.सी. की सूचना पर दमोह में संजय परमार को रेल्वे पुलिस ने उतार लिया। 

कटनी पहुॅचने के बाद अपने माता-पिता के साथ रिपोर्ट करने आई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-जीआरपी सागर द्वारा भा.दं.सं. की धारा- 354 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया ।  जहॉ विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला-सागर श्रीमती मीनू पचौरी दुबे की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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