शिवपुरी- कहते है कि हर पत्थर में भगवान होते है और यह बातें अक्सर कहीं नहीं जाती बल्कि सच्चाई के रूप में सामने भी आ जाती है, ऐसा ही एक मामला जिले के नरवर ब्लॉक अंतर्गत आने वाली कालीपहाड़ी पंचायत में सामने आया जहां करीब 52 वर्षों बाद जब पंचायत से होकर गुजरने वाली सिंध नदी और बांध में पानी कम हुआ तो भगवान भोलेनाथ की विशालकाय लिंग के दर्शन स्थानीय ग्रामीणजनों को हुए तो यहां श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा।जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर नरवर ब्लॉक की कालीपहाड़ी पंचायत में इन दिनों माहौल धार्मिक भी हो गया है। दरअसल ग्राम कालीपहाड़ी में इस वर्ष कम बारिश के चलते सिंध नदी में और बांध में पानी कम होने से यह ऐतिहासिक शिवलिंग पूरी तरह से बाहर आ गया है। बुजुर्गो के अनुसार इस विशाल शिवलिंग के दर्शन कुछ ग्रामीणों ने लगभग 52 साल बाद किये है। इन 52 वर्षों में इस शिवलिंग के ऊपरी हिस्से को तो कई देखा गया लेकिन इस वर्ष पूर्ण दर्शन हुए है। अब आसपास के ग्रामीणों सहित अन्य सीमावर्ती जिलो से सैंकड़ो शिवभक्त दर्शन के लिए यहां आ रहे हैं और ये अब विशेष आस्था का केंद्र बन गया है। यहां ग्रामीण रोजाना पूजापाठ कर बमबम भोले के जयकारे लगाते नजर आ रहे हैं। आस्था इतनी है कि 3 किमी सड़क विहीन रास्ते पर भी भक्तजन इसके दर्शन को आ रहे हैं। ग्राम पंचायत कालीपहाड़ी में 52 वर्षों बाद दिखे शिवलिंग की महिमा का बखान दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों में भी हो रहा हैऔर लोग दूर-दूर से यहां भोलेनाथ के दर्शन करने सपरिवार आ रहे है।
शिवपुरी- कहते है कि हर पत्थर में भगवान होते है और यह बातें अक्सर कहीं नहीं जाती बल्कि सच्चाई के रूप में सामने भी आ जाती है, ऐसा ही एक मामला जिले के नरवर ब्लॉक अंतर्गत आने वाली कालीपहाड़ी पंचायत में सामने आया जहां करीब 52 वर्षों बाद जब पंचायत से होकर गुजरने वाली सिंध नदी और बांध में पानी कम हुआ तो भगवान भोलेनाथ की विशालकाय लिंग के दर्शन स्थानीय ग्रामीणजनों को हुए तो यहां श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा।जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर नरवर ब्लॉक की कालीपहाड़ी पंचायत में इन दिनों माहौल धार्मिक भी हो गया है। दरअसल ग्राम कालीपहाड़ी में इस वर्ष कम बारिश के चलते सिंध नदी में और बांध में पानी कम होने से यह ऐतिहासिक शिवलिंग पूरी तरह से बाहर आ गया है। बुजुर्गो के अनुसार इस विशाल शिवलिंग के दर्शन कुछ ग्रामीणों ने लगभग 52 साल बाद किये है। इन 52 वर्षों में इस शिवलिंग के ऊपरी हिस्से को तो कई देखा गया लेकिन इस वर्ष पूर्ण दर्शन हुए है। अब आसपास के ग्रामीणों सहित अन्य सीमावर्ती जिलो से सैंकड़ो शिवभक्त दर्शन के लिए यहां आ रहे हैं और ये अब विशेष आस्था का केंद्र बन गया है। यहां ग्रामीण रोजाना पूजापाठ कर बमबम भोले के जयकारे लगाते नजर आ रहे हैं। आस्था इतनी है कि 3 किमी सड़क विहीन रास्ते पर भी भक्तजन इसके दर्शन को आ रहे हैं। ग्राम पंचायत कालीपहाड़ी में 52 वर्षों बाद दिखे शिवलिंग की महिमा का बखान दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों में भी हो रहा हैऔर लोग दूर-दूर से यहां भोलेनाथ के दर्शन करने सपरिवार आ रहे है।
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