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Saturday, June 29, 2024

भगवत प्राप्ति के लिए जीवन में दृढ़ निश्चत और मन में विश्वास होना जरूरी : आचार्य नवलेश दीक्षित जी महाराज





भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों संग किया महारास, श्रीकृष्ण-रूकमणी मंगल विवाह की लगी आकर्षक झांकी

शिवपुरी- संसार रूपी इस भव सागर से पार पाते हुए भगवत प्राप्ति करना है तो आवश्यक है जीवन में दृढ़ निश्चय और मन में विश्वास यह दोनों ही यदि किसी ने अपना लिए तो उसे भगवत प्राप्ति संभव है, इसलिए श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाती है और बताती है कि मनुष्य को इस संसार में आकर अपने जीवन का भी कल्याण करने के लिए भगवत प्राप्ति के मार्ग पर चलना चाहिए, भगवान ने गोपियों से महारास कर प्रेम की अभिव्यक्ति को बताया तो वहीं श्रीकृष्ण-रूकमणी मंगल विवाह हरेक व्यक्ति के जीवन को सांसरिक जीवन जीने की प्रेरणा देता है। भगवत प्राप्ति का यह दृढ़ निश्चय और भगवान श्रीकृष्ण-रूकमणी के महारास के साथ विवाह कथा का वृतान्त श्रवण कराया भागवत रत्न आचार्य श्री नवलेश दीक्षित जी महाराज ने जो स्थानीय एबी रोड़ स्थित शगुन वाटिका में श्रीमती गीता देवी गोयल, श्रीमती निशा गोयल, शिशिर गोयल, निखिल गोयल एवं अखिल गोयल परिजनों के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करा रहे थे। 

इस अवसर पर कथा यजमान परिजनों के द्वारा सर्वप्रथम श्रीमद् भागवत पूजन किया गया तत्पश्चात आचार्य से श्री से आर्शीवाद प्राप्त किया। कथा के छठवें दिन की कथा में भगवान श्रीकृष्ण का गोपियों से महारास करना बताया गया तो वहीं सांसरिक जीवन में जीने वाले हरेक मनुष्य के लिए भगवान श्रीकृष्ण-रूकमणी के मंगल विवाह कथा का वृतान्त श्रवण कराया गया। कथा में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह हुआ और यहां भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। आचार्य नवलेश दीक्षित जी महाराज ने कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा में शामिल होकर धर्मलाभ प्राप्त किया और सभी ने मिलकर भगवान श्रीकृष्ण-रूकमणी की आकर्षक झांकी और महारास का श्रद्धापूर्वक आनंद लिया। सुदामा चरित के साथ कथा का विश्राम दिया जाएगा।

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